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July 10, 2025
CM सुक्खू बोले: आपदा पीड़ितों के लिए बनेंगे प्री-फैब्रिकेटेड घर, राहत कार्यों के लिए 7 करोड़ जारी
सीएम सुक्खू ने कहा दिल्ली जाकर विशेष राहत पैकेज की करेंगे मांग
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित गांवों का दौरा कर न केवल ज़मीनी हालात का जायज़ा लिया, बल्कि पीड़ितों के बीच रुककर उनके दुख.दर्द को भी साझा किया। आपदा में लापता लोगों के परिजनों से मुलाकात करते हुए उन्होंने उन्हें गले लगाया और भरोसा दिलाया कि सरकार इस संकट की घड़ी में उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी है। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि राज्य सरकार हर आपदा पीड़ित को सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि राहत कार्यों में कोताही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने गुरुवार को मंडी जिले के देजी और पखरैर गांवों का दौरा किया। भारी बारिश और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित इन गांवों तक सड़क मार्ग बाधित था, लेकिन मुख्यमंत्री ने रीला से आगे अपना काफिला रोक कर पैदल ही कठिन रास्ता तय किया। देजी गांव वह स्थान है जहां 30 जून की रात बादल फटने की घटना में 11 लोग लापता हो गए थे।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद किया और प्रशासन को निर्देश दिए कि राहत वितरण में पारदर्शिता रखी जाए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि हर पीड़ित तक मदद पहुंचे, इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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सरकार ने आपदा राहत के लिए फिलहाल 7 करोड़ रुपये विभिन्न विभागों को जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मंडी के उपायुक्त को निर्देश दिए कि सुरक्षित स्थानों की पहचान कर सर्दियों से पहले वहां प्री-फैब्रिकेटेड घरों का निर्माण शुरू किया जाए, ताकि विस्थापित लोगों को ठंड में परेशान न होना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग के लिए जल्द ही दिल्ली जाएगी और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर राहत राशि उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया जाएगा।
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मौसम विभाग द्वारा 2 बजे के बाद भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद मुख्यमंत्री ने सराज क्षेत्र में रुकने का निर्णय लिया था। प्रशासन ने उन्हें वापस लौटने की सलाह दी थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने थुनाग विश्राम गृह में पीड़ितों के साथ रात बिताकर एक मानवीय संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह समय कागज़ों पर बैठकर फैसले लेने का नहीं, लोगों के साथ खड़े होकर उनके आंसू पोंछने का है।
मुख्यमंत्री ने आपदा से सेब उत्पादकों को हुए करोड़ों रुपये के नुकसान की भी जानकारी ली और कृषि विभाग को निर्देश दिए कि बीमा योजना और राहत मुआवजा दोनों मोर्चों पर तेजी से काम किया जाए। उन्होंने बिजली, पानी, सड़क और अस्थायी झूला पुल की व्यवस्था को बहाल करने के आदेश दिए, ताकि गांवों का संपर्क बाकी क्षेत्र से बहाल हो सके।
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वहीं, नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक जयराम ठाकुर ने भी क्षेत्र में हुए व्यापक नुकसान पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रभावितों का पुनर्वास सर्दियों से पहले हर हाल में किया जाना चाहिए।