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July 10, 2025
सीएम सुक्खू का ऐलान: आपदा में बेघर हुए लोगों को 'सेटलमेंट पॉलिसी' लाकर फिर से बसाएंगे सरकार
फूलों की खेती करने वालों और सेब बागवानों को भी मिलेगा मुआवजा
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर जमीनी हालात का जायजा लिया। यह दौरा लगातार दूसरे दिन जारी रहा, जिसमें मुख्यमंत्री ने थुनाग, बगस्याड़, देजी, बाड़ा और स्यांज गांव का निरीक्षण किया। इस दौरान सीएम सुक्खू आपदा पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें दोबारा बसाने का वादा किया। सीएम सुक्खू ने कहा कि मंडी में भारी त्रासदी आई है। जिससे पार पाने के लिए सरकार हर पीड़ित की मदद करेगी। समय लगेगा, लेकिन हर बेघर परिवार को दोबारा बसाया जाएगा। इसके लिए सरकार सेटलमेंट पॉलिसी लेकर आएगी।
पखरैर पंचायत घर में प्रभावितों से मिलने पहुंचे सीएम सुक्खू को आपदा पीड़ितों ने बताया कि इस बार की आपदा सदी की सबसे भयावह त्रासदी थी। ग्रामीणों ने कहा कि कई बादल एक साथ फटे और पूरा इलाका जलप्रलय में डूब गया। इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने उन्हें आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार एक सेटलमेंट पॉलिसी लाकर पुनर्वास कार्य को व्यवस्थित करेगी। बाड़ा गांव में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन टाइम पुनर्वास नीति पर विचार कर रही है, ताकि आपदा प्रभावितों को फिर से बसाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि राज्य की 68 प्रतिशत भूमि वन क्षेत्र में आती है, इसलिए पुनर्वास की प्रक्रिया के लिए केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी होगी। सरकार जल्द इस संबंध में केंद्र से संवाद करेगी।
सीएम सुक्खू ने आपदा पीड़ितों को आश्वस्त किया कि मैं आपकी पीड़ा को समझता हूं। इसलिए मैं खुद अपनी आंखों से यहां के हालात देखने आया हूं। सीएम ने कहा कि आप चिंता ना करें, सरकार हर कदम पर आपके साथ है। पुनर्वास में समय लगेगा, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। चाहे जितना भी खर्च हो, सरकार हर जरूरी सहायता देगी।
इस दौरान सीएम सुक्खू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन घरों में मलबा या गाद भर गई है, जहां बड़े.बड़े पत्थर आ गए हैं, या जो अब निवास योग्य नहीं बचे, उन्हें पूर्णत क्षतिग्रस्त घरों की श्रेणी में रखा जाए ताकि प्रभावितों को अधिक से अधिक मुआवजा मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तो केवल मानसून की शुरुआत है और अभी आगे भी प्राकृतिक खतरे बने रहेंगे। सरकार ने अलर्ट मोड में रहकर आपदा प्रबंधन की तैयारियां तेज कर दी हैं।
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मुख्यमंत्री सुक्खू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित किसानों, विशेष रूप से फूलों की खेती करने वालों और सेब बागवानों के नुकसान का भी ब्योरा तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न केवल घरों का, बल्कि फसलों, सामान और पशुधन का भी मुआवजा देगी। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि सेब सीजन को ध्यान में रखते हुए मंडियों तक पहुंच के लिए सड़क नेटवर्क को जल्दी बहाल किया जाएगा। प्रमुख सड़कों को खोलने के बाद अब संपर्क मार्गों पर काम युद्धस्तर पर जारी है।
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थुनाग स्थित वानिकी एवं उद्यानिकी कॉलेज की अस्थायी व्यवस्था के तहत कक्षाएं अब मंडी जिले के सुंदरनगर में संचालित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों की पढ़ाई बाधित न होए इसके लिए यह कदम उठाया गया है।