#राजनीति
July 10, 2025
सांसद कंगना रनौत से नाराज हुए BJP नेता शांता कुमार, दूसरे नेताओं को भी दी नसीहत; जानें
हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा पर शांता कुमार ने की भावुक अपील
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पालमपुर (कांगड़ा)। हिमाचल प्रदेश इस समय सबसे भयावह प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। बादल फटने और अत्यधिक वर्षा के कारण राज्य के कई हिस्सों में भारी तबाही मची है। इस तबाही में अब तक 400 से अधिक लोगों के घर तबाह हो चुके हैं। वहीं कई लोगों की मौत हो चुकी है। जो बच गए हैं, वह सरकार, नेताओं और लोगों से राहत की उम्मीद में बैठे हैं, क्योंकि उनका अपना सब कुछ खत्म हो गया है। इस सब के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार सांसद कंगना रनौत सहित अन्य नेताओं से खासे नाराज हैं।
शांता कुमार का कहना है कि प्राकृतिक आपदा का सबसे भारी नुकसान मंडी जिला में हुआ है। ऐसे समय में मंडी की सांसद कंगना रनौत को अपने संसदीय क्षेत्र की जनता की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने हैरानी जताई कि आपदा के इतने दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कंगना रनौत ने आपदा राहत कोष में कोई मदद नहीं की। उन्हांेने कहा कि सांसद अपनी सांसद निधि से प्रभावितों की मदद कर सकती है।
शांता कुमार ने प्रदेश के अन्य नेताओं को भी लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। लेकिन बड़े दुख की बात है कि अभी तक प्रदेश का कोई भी नेता आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आगे नहीं आया है और ना ही किसी ने राहत कोष में कोई मदद नहीं की है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रदेशवासियों, खासकर संपन्न और प्रभावशाली वर्ग से भावुक अपील करते हुए कहा है कि अब हर सक्षम व्यक्ति को आगे आकर राहत कार्यों में योगदान देना चाहिए।
शांता कुमार ने नाम लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत से सवाल किया कि जब प्रदेश इस कदर त्राहिमाम कर रहा है, तब उनके जैसे प्रभावशाली और समृद्ध नेता अभी तक राहत कोष में सहायता क्यों नहीं दे पाए उन्होंने कहा कि कंगना हिमाचल की बहादुर और प्रतिभाशाली बेटी हैं। एक छोटे गांव से निकलकर उन्होंने जो नाम कमाया है, वह प्रेरणादायक है। अब जब उन्होंने राजनीति का रास्ता चुना है, तो समाज सेवा की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। उन्होंने कंगना से आग्रह किया कि वे खुद राहत कोष में एक बड़ी धनराशि दान करें और फिर अपने फिल्मी मित्रों से भी सहायता जुटाने का आह्वान करें।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हिमाचल के सांसदों के पास भी सांसद निधि का प्रावधान है। यह अपेक्षा की जाती है कि इस निधि का उपयोग इस विकट समय में किया जा रहा होगा। उन्होंने कहा कि जरूरत है कि हर जनप्रतिनिधि अपनी पूरी ताकत से राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटे।
शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल के कई लोग इस आपदा में अपनों को खो चुके हैं। कुछ परिवार तो नींद में ही अपने घर समेत मलबे में समा गए। जो बचे हैं, वह अपना सब कुछ खो कर पूरी तरह से टूट चुके हैं। कोई मलबों में अपने परिजनों की तलाश कर रहा है, कोई बच्चों को लेकर खुले में पड़ा है। उन्होंने ऐसे समय में आम जनता को उनकी मदद के लिए आगे आने की गुहार लगाई है।
शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल भारत के संपन्न राज्यों में गिना जाता है। यदि राज्य के एक लाख संपन्न नागरिक आगे आएं और यथाशक्ति योगदान करें, तो बड़ी राहत जुटाई जा सकती है। कुछ लोग लाखों में कुछ हजारों में दे सकते हैं। यह वक्त आत्मनिर्भर बनने और दूसरों का सहारा बनने का है। उन्होंने कहा कि यह समय आलोचना का नहीं, सेवा का है। इस संकट से उबरने के लिए एकजुट होकर हर हिमाचली को कदम बढ़ाना होगा, ताकि पीड़ितों की पीड़ा को कुछ हद तक कम किया जा सके।