शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश में नए निजी नर्सिंग संस्थानों को खोलने पर रोक लगा दी है। यह निर्णय प्रदेश के मौजूदा निजी नर्सिंग संस्थानों में सीटें खाली रहने और आवश्यक बुनियादी ढांचे की कमी के कारण लिया गया है।
क्यों लिया गया ये फैसला?
- खाली सीटें- प्रदेश में लगभग 60 निजी नर्सिंग कॉलेज हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश में 10 से 15 प्रतिशत सीटें खाली रह जाती हैं।
- बुनियादी ढांचे की कमी- कई निजी संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ और लैब सुविधाओं की कमी है।
- सरकारी संस्थानों पर जोर- सरकार का मानना है कि मौजूदा निजी संस्थानों को मजबूत करने के साथ-साथ नए सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोलने पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : शादी में खाना बनाने आया था हलवाई, थोड़ी देर में छोड़ गया दुनिया
नर्सिंग कोर्स का खर्च
- निजी संस्थान- निजी नर्सिंग संस्थानों में नर्सिंग का कोर्स करने के लिए लगभग चार लाख रुपये खर्च होता है।
- सरकारी संस्थान- सरकारी संस्थानों में यह खर्च लगभग 70 हजार रुपये प्रति वर्ष है।
आगे की कार्रवाई
सरकार ने स्वास्थ्य शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिए हैं कि वह सभी नर्सिंग संस्थानों का नियमित निरीक्षण करें और बुनियादी ढांचे और अध्यापन स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करें।