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September 22, 2025

'कंगना गो बैक'- "कंगना भाग गई" यूथ कांग्रेस ने लगाए नारे, कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ताओं में नोकझोंक

कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं में नोकझोंक

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Youth protest against kangana

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के सोमवार को सुंदरनगर दौरे के दौरान माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब यूथ कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। पुराना बस स्टैंड के समीप यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सांसद कंगना रनौत के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उन्हें काले झंडे दिखाए। 

'कंगना गो बैक', 'कंगना रनौत भाग गई' के नारे

कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने ऐन वक्त पर कंगना के काफिले का रूट बदल दिया, जिससे वह प्रस्तावित सभा स्थल तक पहुंच ही नहीं पाईं। इसके बाद यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का गुस्सा और भड़क गया और उन्होंने कंगना रनौत भाग गई और कंगना गो बैक जैसे नारे लगाकर विरोध तेज कर दिया।

 

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यूथ कांग्रेस का आरोप – चुनाव जीतने के बाद भूल गईं जनता

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे यूथ कांग्रेस जिला मंडी अध्यक्ष निखिल ठाकुर ने कहा कि कंगना रनौत ने सांसद बनने के बाद जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। विकास के नाम पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है, और उनके बयानों से प्रदेश में निरंतर विवाद खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता के बीच जाकर संवाद करने की बजाय कंगना रनौत सोशल मीडिया तक सीमित रह गई हैं।

 

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निखिल ठाकुर ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि भाजपा आज 'बचत उत्सव' मना रही है, लेकिन पहले तो यही सरकार 'लूट उत्सव' मना रही थी। उन्होंने जीएसटी को लेकर व्यापारी वर्ग की परेशानी का भी जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी पहले ही जीएसटी की खामियों को उजागर कर चुके हैं।

भाजपा कार्यकर्ता भी उतरे मैदान में

कंगना के दौरे का विरोध होते देख भाजपा कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और कांग्रेस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। सड़क के दोनों ओर नारेबाजी और भीड़ बढ़ने से यातायात भी प्रभावित हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा और कड़ी मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया गया।

सुरक्षा कारणों से बदला गया काफिले का रास्ता

प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को प्रदर्शन की आशंका पहले से थी, लेकिन जिस तीव्रता से प्रदर्शन हुआ, उससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे। स्थिति बिगड़ने से पहले ही कंगना रनौत के काफिले को वैकल्पिक मार्ग से गंतव्य तक भेज दिया गया, जिससे वह विरोध स्थल पर नहीं पहुंचीं। इस रणनीति से एक ओर जहां सुरक्षा सुनिश्चित हुई, वहीं दूसरी ओर यूथ कांग्रेस का आक्रोश और बढ़ गया।

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कुल्लू में भी हो चुका है विरोध

यह पहला मौका नहीं है जब कंगना रनौत को अपने ही संसदीय क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ा हो। कुछ दिन पहले जब वह आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने कुल्लू के तलीकूहल क्षेत्र गई थीं, तब भी स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 'कंगना गो बैक' के नारे लगाकर विरोध दर्ज किया था। लगातार हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों से स्पष्ट है कि क्षेत्र में उनके प्रति नाराजगी बढ़ रही है।

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कंगना रनौत भले ही एक लोकप्रिय चेहरा और चर्चित अभिनेत्री रही हों, लेकिन एक जनप्रतिनिधि के तौर पर उनके कार्यों और व्यवहार को लेकर जनता के बीच असंतोष का माहौल बनता दिखाई दे रहा है। जनता और विपक्ष की अपेक्षाएं अब केवल भाषणों या सोशल मीडिया पोस्ट से पूरी नहीं होंगी — उन्हें जमीनी स्तर पर कार्य करके ही अपनी छवि को मजबूत करना होगा। वरना विरोध की यह लहर आगामी समय में और तेज हो सकती है।

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