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May 19, 2025

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर विक्रमादित्य सिंह का बड़ा बयान, बोले-रबड़ स्टैंप नहीं...

विक्रमादित्य सिंह बोले-किसी रबड़ स्टंप ना हो प्रदेश अध्यक्ष, मजबूत नेता होना चाहिए

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vikramaditya singh shimla

शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों संगठनात्मक नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के चयन में लगातार हो रही देरी  से अंदरूनी खींचतान और गुटबाजी भी बढ़ रही है। इस सब के बीच अब सुक्खू सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।

रबड़ स्टंप को ना बनाया जाए प्रदेश अध्यक्ष

कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में संभावित बदलाव की चर्चाओं के बीच, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का ताजा बयान एक राजनीतिक संकेत बनकर उभरा है। विक्रमादित्य ने कहा कि किसी रबड़ स्टंप को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बजाय कद्दावर नेता को पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।

 

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तीन चार जिलों में होनी चाहिए पकड़

विक्रमादित्य ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ऐसा नेता होना चाहिए, जिसकी व्यक्तिगत पहुंच कम से कम तीन से चार जिलों में हो, उसकी प्रदेश के ज़मीनी ढांचे पर वास्तविक पकड़ हो। संगठन को नेतृत्व वही दे सकता है, जो जनाधार के साथ संवाद और नियंत्रण बनाए रख सके।

 

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विक्रमादित्य सिंह ने अपने इस बयान से केंद्रीय नेतृत्व को भी यह संकेत दिया है कि  यदि संगठनात्मक नियुक्तियां केवल ऊपर से थोपी गई होंगी और स्थानीय जमीनी हकीकतों को नजरअंदाज किया जाएगा, तो इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।

 

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विक्रमादित्य सिंह का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की मांग तेज होती जा रही है। प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के पुनर्गठन की सुगबुगाहट लंबे समय से चल रही है और माना जा रहा है कि हाईकमान अब नए चेहरे की तलाश में है जो 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए संगठन को धार दे सके।

प्रदेश अध्यक्ष चुनने में आखिर क्यों हो रही देरी

बता दें कि हिमाचल कांग्रेस संगठन को भंग किए छह माह से भी अधिक समय बीत चुका है। अब प्रतिभा सिंह का कार्यकाल भी खत्म हो गया है। ऐसे में कांग्रेस को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलना है। लेकिन प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और होलीलॉज गुट के बीच चल रही खींचतान के चलते प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति लंबी खिंचती चली जा रही है। एक ओर सुक्खू खेमे की कोशिश है कि संगठन पर उनका वर्चस्व बना रहे, वहीं दूसरी ओर होलीलॉज समर्थक प्रतिभा सिंह को ही दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की पैरवी कर रहे हैं।

 

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दिल्ली दरबार में होगा अंतिम फैसला

बता दें कि हिमाचल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद और कैबिनेट विस्तार का अंतिम फैसला दिल्ली दरबार में होना है। लेकिन नेतृत्व तय करने में हो रही गंभीर देरी ने कार्यकर्ताओं में बेचैनी और नेतृत्व की निर्णायक क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब तक कोई स्पष्ट संदेश न आना, निचले स्तर पर असमंजस और गुटों में संवादहीनता को बढ़ा रहा है।

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