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May 19, 2025

हिमाचल में ब्लू-टुथ से नकल करते पकड़े 40 अभ्यर्थी, सरकारी नौकरी पाने के लिए दिए 12 लाख

हरियाणा से जुड़ रहे तार, SIT का गठन

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navodaya exam scam

शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में रविवार को नवोदय विद्यालय समिति (NVS) की नॉन-टीचिंग पदों की परीक्षा में नकल माफिया का बड़ा खुलासा हुआ है। परीक्षा में 40 अभ्यर्थी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे ब्लूटूथ और माइक्रो चिप्स के साथ रंगे हाथ पकड़े गए। इनमें अधिकांश हरियाणा के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पुलिस ने इन सभी को हिरासत में लेकर पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी शिमला की निगरानी में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया गया है।

ब्लूटूथ डिवाइस बरामद

पुलिस जांच में सामने आया कि नकल की यह कोशिश बहुत सुनियोजित तरीके से की जा रही थी। न्यू शिमला स्थित एडवर्ड स्कूल में परीक्षा दे रहे एक अभ्यर्थी ने बार-बार वॉशरूम जाने की अनुमति मांगी। संदेह होने पर जब स्टाफ ने पीछा किया तो उसने वॉशरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। बाद में जब तलाशी ली गई तो उसके सीने से एक माइक्रो डिवाइस और कान के भीतर ब्लूटूथ डिवाइस बरामद हुआ, जो इतने सूक्ष्म थे कि मेटल डिटेक्टर भी उन्हें नहीं पकड़ पाया।

 

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एक सेंटर से 10 डिवाइस बरामद

 

इसके बाद सभी अभ्यर्थियों की सघन तलाशी ली गई। छोटा शिमला स्थित सेंटर से ही 10 अभ्यर्थियों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुए। पर्यवेक्षकों ने तत्काल सीबीएसई को रिपोर्ट भेजी, जिसके बाद एफआईआर के निर्देश जारी हुए। जांच में पता चला है कि नकल के बदले 4 से 12 लाख रुपये तक की डील हुई थी। कुछ अभ्यर्थियों ने आधी रकम पहले ही जमा कर दी थी।

 

देशभर में 1377 पदों के लिए परीक्षा

 

नवोदय विद्यालय समिति द्वारा यह परीक्षा स्टेनोग्राफर, जेएसए, स्टाफ नर्स, फॉर्मासिस्ट, मेस हेल्पर सहित कुल 1377 नॉन-टीचिंग पदों के लिए ली गई थी। शिमला में कुल छह परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। 14 से 19 मई तक चल रही इस परीक्षा की सबसे अहम परीक्षा रविवार को सुबह 9:30 से 12 बजे तक आयोजित की गई थी।

 

पुलिस ने देर रात तक की जांच

 

पुलिस ने रविवार देर रात तक सभी परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी कर तलाशी ली और गिरफ्तार किए गए सभी अभियर्थियों से लंबी पूछताछ की। उनके पास मिले डिवाइस को कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस को अंदेशा है कि यह कोई बड़ा अंतरराज्यीय नकल गिरोह है, जो हाईटेक गैजेट्स के ज़रिए देशभर में परीक्षाएं प्रभावित कर रहा है। अब मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है।

 

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मेटल डिटेक्टर भी फेल

 

इस पूरे मामले में सबसे हैरानीजनक बात यह रही कि इतनी आधुनिक तकनीक से लैस माइक्रो डिवाइस मेटल डिटेक्टर की पकड़ से भी बच गए। इससे यह स्पष्ट है कि नकल माफिया अब साइबर और इलेक्ट्रॉनिक तकनीक के जरिये परीक्षा तंत्र की नींव को चुनौती दे रहे हैं। पुलिस अब SIT के जरिये इस पूरे रैकेट का विस्तार से पर्दाफाश करने में जुटी है।

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