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June 16, 2025

रिज पर स्थापित हुई स्व. वीरभद्र की वो मूर्ती, जिसने गिरने की कगार पर पहुंचाई थी सुक्खू सरकार

रिज पर जगह ना मिलने पर विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से दिया था इस्तीफा

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late Virbhadra Singh statue

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजनीति का एक भावनात्मक अध्याय रविवार को उस वक्त जुड़ गया जब स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा को शिमला के रिज स्थित दौलत सिंह पार्क में स्थापित कर दिया गया। 650 किलो वजनी और 9 फीट ऊंची यह प्रतिमा हिमाचल निर्माता एवं प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा की बगल में लगाई गई है। इस प्रतिमा का अनावरण 15 जुलाई को किया जाएगा, तक इसे पूरी तरह से ढक कर रखा जाएगा। प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता भी शामिल होंगे।

रिज पर स्थापित की वीरभद्र सिंह की प्रतिमा

शिमला के ऐतिहासिक रिज स्थित दौलत सिंह पार्क में स्थापित यह वही प्रतिमा है, जिसकी स्थापना को लेकर मचे सियासी घमासान ने कांग्रेस सरकार की नींव तक को हिला दिया था और सरकार गिरने की कगार तक पहुंच गई थी। स्व वीरभद्र सिंह के पुत्र  और मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने फरवरी 2024 में सरकार के खिलाफ बगावत तक कर दी थी, और अपने मंत्री पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक भूचाल ला दिया था। जिससे सुक्खू सरकार का अस्तित्व तक खतरे में पड़ गया था।

 

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विक्रमादित्य के इस्तीफे ने मचाई थी उथल.पुथल

28 फरवरी 2024 को विक्रमादित्य सिंह ने भावुक होते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका आरोप था कि पूर्व भाजपा सरकार ने रिज पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा की स्वीकृति दी थी, लेकिन कांग्रेस की अपनी सरकार ही इसे स्थापित करने से कतरा रही है। इससे वीरभद्र समर्थकों में गहरी नाराजगी थी। विक्रमादित्य के इस्तीफे से ठीक एक दिन पहले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था। जब छह विधायकों और तीन निर्दलीयों के क्रॉस वोटिंग करने से कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी हार गए और भाजपा के हर्ष महाजन को पर्ची से जीत मिली।

 

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इसके बाद बजट सत्र के दिन 28 फरवरी को अगर विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस के खिलाफ वोट किया होता या अनुपस्थित रहते, तो सुक्खू सरकार अल्पमत में आ जाती। हालांकि, भाजपा विधायकों के निलंबन के चलते कांग्रेस ने बजट पास करा लिया और संकट टल गया। बाद में हाईकमान के हस्तक्षेप पर विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया था। 

अब मूर्ति स्थापित, सियासी भूचाल को विराम

कई महीनों तक चले इस सियासी नाटक के बाद अब वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। इससे न केवल वीरभद्र समर्थकों को संतोष मिला हैए बल्कि विक्रमादित्य सिंह की सार्वजनिक छवि भी एक सशक्त नेता के रूप में और निखर कर सामने आई है।

 

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15 जुलाई को होगा अनावरण

प्रतिमा का भव्य अनावरण 15 जुलाई को प्रस्तावित है, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे राष्ट्रीय नेता शामिल होंगे। फिलहाल प्रतिमा को ढककर रखा गया है। यह मूर्ति हिमाचल निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा के समीप स्थापित की गई है, जो राज्य की समृद्ध राजनीतिक विरासत को दर्शाती है।

गांधी.इंदिरा.अटल की प्रतिमाओं के बीच वीरभद्र सिंह का सम्मान

शिमला का रिज मैदान पहले से ही महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसी हस्तियों की प्रतिमाओं से सुसज्जित है। अब वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का जुड़ना उन्हें एक ऐतिहासिक सम्मान देता है। उनका निधन 8 जुलाई 2021 को हुआ था, और तब से यह मांग उठ रही थी कि उन्हें सार्वजनिक स्मारक के रूप में सम्मानित किया जाए।

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वीरभद्र सिंह की यह प्रतिमा नोएडा के कुशल कारीगरों द्वारा तैयार की गई है। इसका वनज लगभग 650 किलो है। यह प्रतिमा विशेष ब्रांज मिश्र धातु से बनाई गई है। प्रतिमा में वीरभद्र सिंह को खड़ी मुद्रा में दिखाया गया है। उनके सिर पर हिमाचली पहाड़ी टोपी, शरीर पर सफारी सूट और चेहरे पर मुस्कान दिखाई गई है। यह प्रतिमा केवल एक आकृति, नहीं, बल्कि हिमाचल के आत्मसम्मान, परंपरा और राजनीतिक संस्कृति की स्थायी अभिव्यक्ति है।

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