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August 26, 2025

स्पीकर ने CM सुक्खू के खिलाफ सुधीर शर्मा का प्रिविलेज मोशन किया खारिज, यह बताई वजह

सुधीर शर्मा ने सीएम सुक्खू पर लगाए थे सदन में झूठ बोलने के आरोप

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Himachal-Vidhan-sabha Privilege Motion

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और तीखी बहसों के बीच गरमा गया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आज मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ भाजपा विधायक सुधीर शर्मा द्वारा लाया गया विशेषाधिकार हनन ;च्तपअपसमहम डवजपवदद्ध प्रस्ताव खारिज कर दिया।

प्रिविलेज मोशन नियमों के खिलाफ

बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने विभिन्न मौकों पर विधानसभा में झूठे बयान देकर सदन को गुमराह किया है। इसी आधार पर उन्होंने प्रिविलेज मोशन का नोटिस विधानसभा में दिया था। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने इसे नियमों के खिलाफ बताया और कहा कि यह नोटिस न तो नियमानुसार लाया गया था और न ही इसे सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनाया गया था।

 

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क्या है प्रिविलेज नोटिस का नियम

स्पीकर ने स्पष्ट किया कि प्रिविलेज नोटिस को पहले नियमों के तहत लाना आवश्यक होता है, और उसे मीडिया या सोशल मीडिया के जरिए सार्वजनिक करना नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, "जब नियमों की पालना नहीं हुई है तो इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही स्पीकर ने यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।

नोटिस खारिज होने पर क्या बोले सुधीर शर्मा

वहीं दूसरी और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सुधीर शर्मा के विशेषाधिकार हनन के नोटिस को खारिज करने पर भाजपा विधायक ने कहा कि वह एक बार फिर नियमों के तहत विशेषाधिकार हनन का नोटिस देंगे। सुधीर शर्मा ने कहा कि सीएम सुक्खू सदन में झूठी जानकारी देते हैं और इसके लिए वह दोबारा नियमों के तहत विशेषाधिकार हनन का नोटिस देंगे ताकि सच्चाई सभी को पता चल सके।

 

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विपक्ष का सदन से वॉकआउट

प्रिविलेज मोशन खारिज होने और मुख्यमंत्री के जवाबों से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उद्योगों को लेकर पूछे गए सवालों का सही जवाब नहीं दे सके। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में बीते तीन वर्षों में न तो नए उद्योग स्थापित हुए हैं और न ही रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।

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उन्होंने दावा किया कि बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में कांग्रेस नेताओं, उनके रिश्तेदारों और करीबियों द्वारा उद्योगपतियों से उगाही की जा रही है, जिससे निवेशक राज्य छोड़ रहे हैं। "पूरी कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है। अगर पिछली सरकार ने वाकई लूट मचाई थी तो मौजूदा सरकार ने तीन साल में अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?" — बिक्रम ठाकुर, भाजपा विधायक

मुख्यमंत्री सुक्खू का पक्ष

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में अपने वक्तव्य में कहा कि सरकार उद्योगों के विकास के लिए प्रयासरत है और राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए नई नीतियां लागू की जा रही हैं। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया। हालांकि, भाजपा सदस्यों को उनका जवाब संतोषजनक नहीं लगा और उन्होंने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट किया।

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राजनीतिक टकराव और सदन में तनाव

विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विपक्ष जहां सरकार को उद्योगों और रोजगार पर घेरने की कोशिश में है, वहीं सत्तापक्ष इसे राजनीतिक नौटंकी करार दे रहा है। प्रिविलेज मोशन का खारिज होना और विपक्ष का वॉकआउट आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में और गर्मी ला सकता है।

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