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August 26, 2025

हिमाचल: ब्यास में आई बाढ़ ने जमकर मचाई तबाही, कई घर, रेस्टोरेंट, दुकानें नदी में समाई, बेघर हुए सैंकड़ो लोग

50 से अधिक दुकानें, 5 घर, रेस्टोरेंट, ढाबे बहा ले गई ब्यास, कई घरों को करवाया खाली

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Manali beas river

मनाली। हिमाचल प्रदेश तीन दिन से हो रही भीषण बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और ब्यास नदी सहित सहायक नालों में आई भयंकर बाढ़ ने राज्यभर में भारी तबाही मचाई है। सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू और मनाली क्षेत्र में हुआ है, जहां नदी किनारे बसे गांवों और बाजारों में सैकड़ों लोगों को अपने घर और दुकानें छोड़नी पड़ी हैं।

कई घर दुकानें रेस्टोंरेंट बहे

मनाली में मंगलवार सुबह करीब 11:30 बजे ओल्ड मनाली के मनालसू नाले में आई बाढ़ की तेज़ लहरों में तीन घर बह गए। वहीं बाहंग क्षेत्र में बीती रात ब्यास नदी के उफान से एक रेस्टोरेंट और चार दुकानें पानी में समा गईं। नदी का पानी आलू ग्राउंड और हाईवे तक पहुंच गया, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। प्रशासन ने देर रात ही आलू ग्राउंड और बाहंग क्षेत्र को खाली करवा लिया था, जिससे जानमाल के बड़े नुकसान से बचा जा सका।

 

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मनाली से कुल्लू तक का नेशनल हाईवे कई जगहों पर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। ब्यास के तेज बहाव से ग्रीन टैक्स बैरियर के पास की सड़क टूट चुकी है, जबकि बिंदु ढांक के पास हाईवे का एक हिस्सा नदी में समा गया। मनाली शहर में सोमवार से पानी की आपूर्ति पूरी तरह से प्रभावित है। मनालसू नाले में आई बाढ़ ने जल शक्ति विभाग के प्लांट को भी नुकसान पहुंचाया है। तिब्बती कॉलोनीए वोल्वो स्टैंडए बिंदु ढोगए रायसन और आलू ग्राउंड जैसे इलाकों में सड़कें बुरी तरह बह चुकी हैं।

लोगों को खाली कराया गया

मनाली पुलिस और प्रशासन ने सोमवार रात को सायरन बजाकर ब्यास नदी किनारे रहने वाले सैकड़ों लोगों को अलर्ट किया। एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा और डीएसपी केडी शर्मा ने देर रात तक हालात का जायजा लिया। नदी के तेज बहाव के कारण नेहरुकुंड, बाहंग, आलू ग्राउंड, रांगड़ी, रायसन और सेऊबाग जैसे क्षेत्रों में लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।

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मंडी के बालीचौकी में देर रात जमीन धंसने के बाद 2 बिल्डिंग गिर गईं। इन बिल्डिंगों में 40 से ज्यादा दुकानें चल रही थीं। हादसे की आशंका को देखते हुए दोनों बिल्डिंगों को 5 दिन पहले ही खाली करा दिया गया था।

बर्फबारी से हालात और बिगड़े

लाहौल.स्पीति के शिंकुला दर्रे में 24 अगस्त की रात से लगातार हिमपात हो रहा है। अब तक आधे फीट से ज्यादा बर्फ जमा हो चुकी है, जिससे मनाली.शिंकुला मार्ग बंद हो गया है। एसडीएम मनाली रमण शर्मा ने बताया कि बाढ़ के चलते कई क्षेत्र पूरी तरह से कट चुके हैं। बारिश थमने के बाद ही राहत और बचाव कार्य शुरू हो पाएंगे। फिलहाल हमारा पहला लक्ष्य लोगों की जान बचाना है।

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685 सड़कें बंद, 40 दुकानें मलबे में दबीं

प्रदेशभर में लैंडस्लाइड और जलभराव के चलते 685 सड़कों पर यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है। मंडी के बालीचौकी में देर रात जमीन धंसने से दो बड़ी इमारतें गिर गईं, जिनमें करीब 40 दुकानें संचालित थीं। गनीमत रही कि प्रशासन ने इन्हें हादसे से पांच दिन पहले ही खाली करवा दिया था।

कई इलाकों में अलर्ट, स्कूल-कॉलेज बंद

शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने चंबा, कांगड़ा और लाहौल-स्पीति जिलों के लिए रेड अलर्ट, जबकि मंडी और कुल्लू के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और लाहौल-स्पीति में येलो अलर्ट है। एहतियात के तौर पर कुल्लू, मंडी, चंबा, कांगड़ा, शिमला, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। मनाली-लेह मार्ग भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। तिब्बती कॉलोनी, धुंधी और पागलनाला में सड़कें बंद हैं, जबकि बारालाचा, तंगलंगला और शिंकुला दर्रा में हिमपात के चलते मनाली-जांस्कर मार्ग भी पूरी तरह बंद है।

नदी-नालों से दूर रहें

राज्य सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और पहाड़ी क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें। प्रशासन, आपदा प्रबंधन टीमें और पुलिस चौकस हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का सहयोग जरूरी है।

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