#राजनीति
August 26, 2025
हिमाचल में शहरी निकाय चुनाव स्थगित, मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताई यह बड़ी वजह- जानें
SC, ST और OBC की सही जनसंख्या के बिना चुनाव संभव नहीं
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव को लेकर चल रही तैयारी को अचानक रोक दिया गया है। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विधानसभा के मानसून सत्र में जानकारी दी कि सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की ताज़ा जनसंख्या संबंधी आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकार चाहती है कि आरक्षण की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और अद्यतन जनसंख्या डेटा के आधार पर हो। यदि पुराने आंकड़ों के आधार पर वार्डों का आरक्षण किया जाता है तो कई वर्गों को उनका उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाएगा।
इसी कारण चुनाव की प्रक्रिया को अस्थायी तौर पर स्थगित किया गया है। इसके साथ ही सरकार ने OBC समुदाय की सही जनसंख्या का आकलन करने के लिए एक आयोग गठित करने का भी निर्णय लिया है। यह आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा और उसी रिपोर्ट के आधार पर आगे की चुनावी प्रक्रिया तय होगी।
दरअसल, राज्य चुनाव आयोग ने 24 मई 2025 को शहरी निकाय चुनावों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए वार्डों के परिसीमन और आरक्षण की रूपरेखा जारी कर दी थी। कार्यक्रम के मुताबिक परिसीमन की अंतिम तिथि 1 जुलाई और आरक्षण की अंतिम तिथि 11 जुलाई तय की गई थी।
निर्धारित समयसीमा के भीतर प्रदेश के कुल 70 शहरी निकायों के वार्डों का निर्धारण कर लिया गया था। इनमें से 63 नगर निकायों के परिसीमन की अधिसूचना 8 जुलाई को राजपत्र में प्रकाशित हुई थी, जबकि शेष 7 नगर निगमों के परिसीमन की अंतिम अधिसूचना 14 जुलाई को जारी की गई थी।
अब सरकार ने साफ कर दिया है कि जब तक नए और सही जनसंख्या आंकड़े सामने नहीं आते, तब तक शहरी निकाय चुनाव नहीं होंगे। सरकार का तर्क है कि इससे सभी वर्गों को न्यायसंगत प्रतिनिधित्व मिलेगा और किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव की गुंजाइश नहीं रहेगी।