#राजनीति
September 6, 2025
मणिमहेश यात्रा में कितने लोगों की गई जा*न, मंत्री जगत नेगी ने कर दिया खुलासा; आप भी जानें
कई दिन भरमौर और चंबा में रहने के बाद वापस लौटे नेगी ने बयां किया हाल
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई भारी बारिश और भूस्खलनों के चलते मणिमहेश यात्रा प्रभावित हुई, जिससे हजारों श्रद्धालु भरमौर क्षेत्र में फंस गए थे। इस आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्यों का नेतृत्व कर रहे राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी शुक्रवार को शिमला लौटे। उन्होंने बताया कि स्थिति अब पूरी तरह सामान्य है और सभी श्रद्धालु सकुशल अपने घरों को लौट चुके हैं।
मंत्री ने कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान हजारों लोगों की मौत की झूठी अफवाहें फैलाई गईं, जिससे पूरे राज्य में दहशत का माहौल बन गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस आपदा में कुल 17 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से अधिकतर की जान ऑक्सीजन की कमी और अत्यधिक ठंड की वजह से गई।
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उन्होंने बिना किसी राजनीतिक दल का नाम लिए कहा कि देश में अफवाह फैलाने और झूठ बोलने में एक पार्टी माहिर है। मणिमहेश यात्रा को लेकर फैलाई गई झूठी जानकारी ने लोगों में अनावश्यक भय उत्पन्न किया। इस दौरान मंत्री ने यह भी कहा कि झूठी खबरें फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों, सोशल मीडिया अकाउंट्स और संबंधित व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जगत नेगी ने चंबा प्रशासन की प्रारंभिक तैयारियों में कमी को स्वीकारते हुए कहा कि शुरुआत में प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं कमजोर रहीं, जिसका फायदा उठाकर कुछ टैक्सी चालकों ने यात्रियों से मनमाना किराया वसूला। हमें यह स्वीकारना होगा कि शुरुआत में कुछ खामियां थीं। लेकिन जैसे ही हम मौके पर पहुंचे, हालात को तेजी से नियंत्रण में लिया गया। सड़क बहाली के साथ.साथ टैक्सी सेवाएं भी नियमित की गईं और फंसे यात्रियों के लिए मुफ्त परिवहन की व्यवस्था की गई।
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राजस्व मंत्री ने आपदा के दौरान स्थानीय पंचायतों, लंगर समितियों और स्वयंसेवकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इन सभी ने श्रद्धालुओं के भोजन और आश्रय की बेहतरीन व्यवस्था की। मणिमहेश जैसे दुर्गम इलाके में जब बाहरी मदद पहुंचना कठिन था] तब स्थानीय समुदायों ने आगे बढ़कर लंगर लगाए और बेसहारा श्रद्धालुओं को भोजन-पानी से लेकर छत तक उपलब्ध कराई।
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गौरतलब है कि 24 से 27 अगस्त के बीच चंबा जिले में हुई भीषण बारिश और भूस्खलन के चलते मणिमहेश यात्रा बुरी तरह बाधित हुई। भरमौर क्षेत्र में 15,000 से ज्यादा श्रद्धालु फंस गए थे। हालात की गंभीरता को देखते हुए मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधानसभा का मानसून सत्र बीच में छोड़कर चंबा का रुख किया। नेगी पैदल भरमौर पहुंचे और पूरे 8 दिनों तक ग्राउंड जीरो पर रहकर राहत व बचाव कार्यों की निगरानी की। उनकी निगरानी में राज्य प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय संस्थाओं ने मिलकर अभियान चलाया।
राजस्व मंत्री ने बताया कि भारतीय सेना के एम-17 हेलिकॉप्टरों की मदद से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। शुक्रवार और शनिवार को सेना के हेलिकॉप्टरों से 500 से अधिक लोगों को चंबा पहुंचाया गया। उन्होंने कहा, "हर श्रद्धालु को सुरक्षित निकालने तक हमने राहत कार्य नहीं रोके। यह हमारी प्रतिबद्धता थी और हम उसे निभाने में सफल रहे।"
मंत्री ने बताया कि अब भरमौर और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट और संचार सेवाएं भी बहाल कर दी गई हैं, जो पहले मौसम और बुनियादी ढांचे को नुकसान के कारण प्रभावित हुई थीं।