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September 6, 2025
हिमाचल हाईकोर्ट की HRTC को सख्त चेतावनी: 3 सप्ताह में एरियर भुगतान नहीं हुआ तो होगी कार्रवाई
हाईकोर्ट ने निगम की गाड़ी जब्त करने के दिए निर्देश
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शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हिमाचल पथ परिवहन निगम एचआरटीसी की ओर से कर्मचारियों के बकाया एरियर का भुगतान न करने पर कड़ा रुख अपनाया है। न्यायालय ने निगम द्वारा पेश की गई वित्तीय समस्याओं की दलील को नकारते हुए निगम की एक सरकारी गाड़ी एचपी-07-बी-0222 इटियोस मॉडल को तत्काल प्रभाव से जब्त करने और अगली सुनवाई तक उसका उपयोग प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया है।
न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की एकल पीठ ने एचआरटीसी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह आगामी तीन सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ताओं को बकाया एरियर का भुगतान करे। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि इस अवधि में आदेश का पालन नहीं हुआ, तो निगम के अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
एचआरटीसी की ओर से अदालत में यह तर्क दिया गया कि निगम पर वित्तीय दबाव है और कर्मचारियों के एरियर के भुगतान के लिए 50 करोड़ रुपये की मांग सरकार से की गई है। इस पर न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी संस्था को केवल वित्तीय संकट का हवाला देकर न्यायालय के आदेशों को अनिश्चितकाल तक टालने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने यह भी कहा कि पिछले आठ महीने में आदेश का पालन न करना कर्मचारियों के साथ अन्याय है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक डॉ निपुण जिंदल, वित्तीय सलाहकार मनीत वर्मा और उपमंडलीय प्रबंधक (कानूनी) मदन लाल शर्मा व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित हुए। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भुगतान को हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।
बता दें कि इस मुद्दे पर एचआरटीसी के विरुद्ध कर्मचारियों द्वारा दायर किए गए लगभग 300 मामले अदालत में लंबित हैं। जिनमें से 12 मामलों की अगली सुनवाई 12 सितंबर को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि अगर निगम भुगतान करने में असमर्थ है, तो उसकी संपत्तियों को जब्त कर लिया जाए। इससे पहले अदालत ने एचआरटीसी को आदेश दिया था कि वह 28 फरवरी 2025 तक सभी बकाया एरियर और अन्य लाभों का भुगतान कर दे। आदेश के अनुपालन में विफल रहने पर कर्मचारियों ने पुनः न्यायालय की शरण ली।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर, 2025 को होगी, जिसमें यदि निगम ने देनदारी का निपटान नहीं किया, तो न्यायालय और सख्त रुख अपना सकता है। वहीं अब यह भी देखने वाली बात होगी कि हिमाचल पथ परिवहन निगम का जिम्मा संभाल रहे डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार और आर्थिक तंगी के बीच एचआरटीसी कर्मचारियों के एरियर का भुगतान किस तरह से करेंगे।