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August 25, 2025

MLA सुधीर के प्रिविलेज मोशन पर बोले पठानिया- जांच कर रहे, झूठे होने पर भी होगी कार्रवाई

कुलदीप पठानिया बोले-सुधीर के नोटिस का अध्ययन कर रहा सचिवालय

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Kuldeep singh Pathania

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज छठे दिन एक बड़ा राजनीतिक विवाद उस समय खड़ा हो गया जब धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन (प्रिविलेज मोशन) का नोटिस विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा। सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री पर को बार-बार "गुमराह करने" और "झूठी जानकारियां देने" के गंभीर आरोप लगाए हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने दी प्रतिक्रिया

सुधीर शर्मा के सीएम सुक्खू के खिलाफ दिए विशेषाधिकार हनन पर अब विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया का बड़ा बयान सामने आया है। कुलदीप सिंह पठानिया ने इस मसले पर कहा कि उन्हें विधायक सुधीर शर्मा का पत्र प्राप्त हुआ है और विधानसभा सचिवालय इसकी जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम पत्र की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। नियमों के तहत जो भी उचित कार्रवाई बनती है, वह की जाएगी। यदि आरोप तथ्यहीन पाए गए, तो उसके खिलाफ भी नियमानुसार कदम उठाए जाएंगे।

 

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विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे नोटिस केवल पब्लिसिटी के लिए नहीं दिए जाते। सोशल मीडिया पर नोटिस साझा किए जाने पर उन्होंने असहमति जताई और कहा कि यह मामला फिलहाल विचाराधीन है, और सभी तथ्यों की बारीकी से जांच की जा रही है।

सुधीर शर्मा ने क्या लगाए थे आरोप

विधायक सुधीर शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को लिखे पत्र में दावा किया है कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने बीते बजट व मानसून सत्रों के दौरान बेरोजगारी और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर ऐसे आंकड़े पेश किए जो आपस में मेल नहीं खाते। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने विभिन्न मंचों से दिए गए बयानों में भी परस्पर विरोधाभासी आंकड़े दिए, जिससे यह प्रतीत होता है कि सरकार जानबूझकर जनता और विधायकों को गुमराह कर रही है।

 

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शर्मा के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने बजट सत्र 2025-26 में यह कहा कि प्रदेश सरकार ने 25,000 युवाओं को रोजगार प्रदान किया है। वहीं, बीते मानसून सत्र में सरकार द्वारा दी गई जानकारी में यह संख्या 34,000 से अधिक बताई गई थी। इसके विपरीत, स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 23,000 लोगों को रोजगार देने का दावा किया। सुधीर शर्मा का कहना है कि इन आंकड़ों में स्पष्ट असंगति है, जिससे सरकार की नीयत पर सवाल खड़े होते हैं।

 

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"आदर्श स्वास्थ्य संस्थान केवल घोषणाओं तक सीमित"

विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने हर विधानसभा क्षेत्र में एक "आदर्श स्वास्थ्य संस्थान" स्थापित करने की घोषणा की थी, लेकिन धरातल पर आज तक ऐसा कोई भी संस्थान अस्तित्व में नहीं आया। उन्होंने कहा कि भाजपा के 28 विधायक सदन में हैं और उनके क्षेत्रों में भी ऐसा कोई संस्थान नहीं बन पाया है।

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10 गारंटियों पर भी उठाए सवाल

विधायक ने मुख्यमंत्री द्वारा दी गई 10 गारंटियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सदन में इन गारंटियों को लेकर दी गई जानकारी अक्सर भ्रामक और असत्य होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इन गारंटियों पर पूरी तरह से अमल नहीं किया, और फिर भी सदन में इसे "पूरा किया गया" बताया जाता रहा।

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