#राजनीति
October 13, 2025
वीरभद्र प्रतिमा अनावरण के बहाने कांग्रेस में एकजुटता का संदेश, नए प्रदेश अध्यक्ष की भी लिखी गई नई पटकथा !
प्रतिभा सिंह ने मंच से कुलदीप राठौर की जमकर की तारीफ, गरमाई सियासत
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में सोमवार का दिन कांग्रेस के लिए प्रतीकात्मक भी था और संकेतात्मक भी। शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर छह बार के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम ने एक ओर कांग्रेस की विरासत और एकजुटता का संदेश दिया, वहीं दूसरी ओर इस मंच से उठी कुछ आवाज़ों ने संगठनात्मक समीकरणों पर नई चर्चा छेड़ दी।
कुल मिलाकर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम जहां एक ओर भावनात्मक क्षण था, वहीं दूसरी ओर यह कांग्रेस के भीतर नए समीकरणों का संकेत भी देता नजर आया।
प्रियंका गांधी ने एकजुटता की बात की, सुक्खू और विक्रमादित्य ने साथ आने की तस्वीर पेश की, और मंच से प्रतिभा व रजनी पाटिल ने कुलदीप राठौर की तारीफ कर यह जता दिया कि पार्टी में संगठनात्मक अध्याय अभी बंद नहीं हुआ है।
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कार्यक्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वीरभद्र सिंह को महात्मा गांधी और पंडित नेहरू की विचारधारा का सच्चा अनुयायी बताते हुए कहा कि आज की राजनीति को फिर से ईमानदारी, निडरता और जनता के हित में काम करने वाले नेताओं की जरूरत है। उन्होंने राहुल गांधी की निडरता की सराहना की और नेताओं को पीआर और इवेंट मैनेजमेंट की राजनीति से आगे बढ़ने की नसीहत दी। प्रियंका का यह बयान न केवल राजनीतिक आदर्शवाद का प्रतीक माना गया, बल्कि इसे प्रदेश कांग्रेस में चल रही अंदरूनी खींचतान के बीच एकजुटता की अपील के रूप में भी देखा गया।
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कार्यक्रम के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने मंच से पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राठौर की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि राठौर के नेतृत्व में संगठन ने मजबूती हासिल की और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा। प्रतिभा का यह बयान सुनते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गईं। खास बात यह है कि बीते रविवार को नारकंडा में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने भी राठौर की इसी तरह तारीफ की थी। लगातार दो वरिष्ठ नेताओं द्वारा एक ही नेता की तारीफ करना यह संकेत दे रहा है कि संगठन में कुछ नया समीकरण बन रहा है, और संभव है कि राठौर को फिर से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में संगठनात्मक बदलाव की चर्चाएं फिर से तेज हो गई हैं। राठौर को एक संतुलित नेता के रूप में देखा जाता है, जो सुक्खू और प्रतिभा सिंह गुटों के बीच सामंजस्य बना सकते हैं। ऐसे में वीरभद्र सिंह की विरासत को याद करने के बहाने आयोजित यह कार्यक्रम, कहीं न कहीं संगठनात्मक बदलाव की पृष्ठभूमि तैयार करने का मंच भी बन गया।
हिमाचल कांग्रेस में पिछले कुछ महीनों से प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान खुलकर सामने आई है। प्रतिभा सिंह और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच मतभेदों की खबरें कई बार सुर्खियों में रह चुकी हैं। ऐसे में वीरभद्र सिंह की प्रतिमा अनावरण का यह कार्यक्रम उस मौके की तरह रहा जहां नेतृत्व ने कोशिश की कि परिवारिक एकता की तस्वीर बाहर जाए।
मंच पर मुख्यमंत्री सुक्खू और वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह के बीच देखा गया आपसी स्नेह और गले लगना उसी राजनीतिक संदेश का हिस्सा माना जा रहा है कि कांग्रेस सार्वजनिक रूप से किसी भी अंतर्विरोध को उभारना नहीं चाहती।
कार्यक्रम में जैसे ही विक्रमादित्य सिंह मंच पर पहुंचे, कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी और तालियों से उनका स्वागत किया। उन्होंने सोनिया गांधी को माता तुल्य कहकर संबोधित किया, जिससे यह संकेत गया कि वह पार्टी नेतृत्व के प्रति पूर्ण निष्ठा जताना चाहते हैं। प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण से लेकर संगठनात्मक ईमानदारी तक कई संदेश दिए पर उनका केंद्रबिंदु स्पष्ट था वीरभद्र की विचारधारा और कांग्रेस की मूल आत्मा को जिंदा रखना।