#राजनीति
October 13, 2025
जब विपक्ष के विधायक ने कसा तंज, 'जय हनुमान' बोलकर सबका दिल जीत गए थे पूर्व CM वीरभद्र सिंह
प्रतिमा अनावरण पर फिर याद आए राजा वीरभद्र
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आज बहुत भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया गया। ये अनावरण कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया। इस मौके पर आज राजा वीरभद्र सिंह के एक ऐसे किस्से के बारे में आपको बताते हैं जिससे राजा वीरभद्र ने विपक्ष तक का दिल जीत लिया था।
वीरभद्र सिंह सियासी रूप से परिपक्व थे। इसका अंदाजा उनके इस किस्से से लगाया जा सकता है। साल था 2014, कांग्रेस की करारी हार के बाद हिमाचल विधानसभा का मॉनसून सत्र चल रहा था। इसी दौरान विपक्ष के किसी विधायक ने तंज कसते हुए जय श्रीराम का नारा लगाया था।
इस नारे के बाद सदन में थोड़ी देर के लिए खामोशी छा गई। इसी दौरान वीरभद्र सिंह अपनी जगह पर खड़े हुए, मुस्कुराए और हाथ जोड़कर बोले- जय हनुमान। जैसे ही वीरभद्र सिंह ने ये कहा, वैसे ही सदन में ठहाके गूंजने लगे और विपक्ष भी मुस्कुराए बिना नहीं रह सका।
धर्म व आस्था को लेकर वीरभद्र सिंह स्पष्ट विचार रखते थे। सिंह देश के पहले मुख्यमंत्री थे जिन्होंने धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया था। सिंह मानते थे कि धर्मांतरण पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने हिमाचल में इस कानून को सख्ती से लागू करवाया। वे चाहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए जिससे समाज में धार्मिक समरसता बनी रहे।
गौरतलब है कि वीरभद्र सिंह 1983 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद 1985, 1993, 2003, 2012 में कुल 6 बार उन्होंने प्रदेश के मुखिया की भूमिका निभाई। उन्होंने सड़कों, शिक्षा संस्थानों, स्वास्थ्य सेवाओं व ग्रामीण विकास योजनाओं के विस्तार के लिए काम किया जिससे राज्य को नई ऊंचाइयां मिली।
वीरभद्र सिंह को ना केवल कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेता के तौर पर जाना गया बल्कि वे प्रदेश की सियासत के ऐसे शिल्पकार बने जिन्होंने पहाड़ की राजनीति को जनभावनाओं और विकास के साथ जोड़ा। वे कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता थे लेकिन राजनीतिक मतभेदों के बावजूद वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छे संबंध रखते थे।