#राजनीति
March 17, 2025
हिमाचल में इंटरकास्ट मैरिज पर सरकार देगी इतनी राशि- CM ने किया ऐलान
होम स्टे और होटल बनाने के लिए लोन पर 5 प्रतिशत ब्याज सरकार वहन करेगी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर वित्तमंत्री प्रदेश का तीसरा बजट विधानसभा में पेश किया। यह बजट कांग्रेस सरकार के तहत उनका तीसरा बजट है, जिसमें राज्य की आर्थिक स्थिति, विकासात्मक योजनाएं और किसानों की सहायता के लिए कई अहम घोषणाएं की जा रही है। सीएम सुक्खू ने इसमें विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की दिशा में कई योजनाओं का एलान कर रहे हैं।
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में अंतरजातीय विवाहको बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस योजना के तहत, जोड़े जो अंतरजातीय विवाह करेंगे, उन्हें 50 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह पहल समाज में जातिवाद की दीवार को तोड़ने और समानता की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। सरकार का मानना है कि इस तरह की सहायता से जातिवाद की मानसिकता खत्म होगी और समाज में एकता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने विकलांग जनोंके लिए भी एक विशेष योजना की घोषणा की है। इसके तहत, जिन दिव्यांगों की विकलांगता 70 प्रतिशत या उससे अधिक होगी, उन्हें विवाह सहायता के रूप में 50 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी। यह योजना दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आर्थिक रूप से सहायक होगी, ताकि वे विवाह के बाद अपने जीवन साथी के साथ एक बेहतर और सम्मानजनक जीवन जी सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सहायता के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में उनकी बराबरी की स्थिति को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। इस पहल से सरकार का उद्देश्य दिव्यांग जनों को समाज में अधिक समावेशी बनाने और उन्हें अपने व्यक्तिगत जीवन में खुशहाली का अनुभव कराना है।
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आगामी वित्तीय वर्ष में कई अहम घोषणाएं की हैं। जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 तक, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले सभी लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी। इसके वितरण के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया जाएगा, ताकि लाभार्थियों को आसानी से पेंशन मिल सके।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत 18 से 59 साल की पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से यह राशि दी जाएगी। सीएम ने यह भी बताया कि 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 तक, 21 साल की उम्र पूरी करने वाली हर पात्र बेटी को इस योजना से 1500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। इसके अलावा, जो महिलाएं दूसरों के घरों में काम करके अपने परिवार का गुजारा करती हैं, उन्हें भी इस योजना में शामिल कर 1 जून 2025 से लाभ मिलने की शुरुआत होगी। इन महिलाओं की पात्र बेटियां भी 1500 रुपये प्रतिमाह प्राप्त करेंगी।
इसके अलावा BPL परिवारों में जन्म लेने वाली दो बेटियों के लिए इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना शुरू करने की घोषणा की। बेटी के जन्म पर 25000 रुपए का बीमा कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आने वाले समय में जो महिलाएं पंचायतों द्वारा अनुमोदित की जाएंगी, वे भी इस योजना के तहत लाभ पाने की पात्र होंगी। इसके साथ ही, विधवाओं की बेटियां यदि प्रोफेशनल कोर्स करना चाहें, तो सरकार उनकी फीस भी वहन करेगी। यदि वे पीजी में पढ़ाई करना चाहें, तो सरकार उन्हें 3000 रुपये प्रति माह की सहायता प्रदान करेगी। यह कदम महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके बेहतर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
हिमाचल में महिलाओं को 1500 रुपए की सहायता मिल रही है। आगामी वित्त वर्ष में योजना का 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच हर बेटी को 1500 रुपए मिलेंगे। हर बेटी को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना का लाभ मिलेगा।
BPL परिवारों में जन्म लेने वाले परिवार की दो बालिकाओं के लिए सीएम सुख शिक्षा योजना। बालिका के जन्म पर 25 हजार रुपए सरकार जमा करेगी, जो बालिका को 18 से 27 साल की उम्र के बीच 2 लाख रुपए मिलेंगे।
इसके अलावा-
हिमाचल में 2000 के बाद से जन्म दर में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप स्कूलों का युक्तिकरण करने की जरूरत है। अगले वित्त वर्ष में इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे। 2025-26 में प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में टीचरों और स्टूडेंट्स की ऑनलाइन हाजिरी लगेगी। साथ ही सुजानपुर के सैनिक स्कूल के हॉस्टल की मरम्मत के लिए 3 करोड़ दिए जाएंगे।
सीएम ने कहा शिक्षा के क्षेत्र में हमने पुरानी सोच को बदला है। नए शिक्षण संस्थान खोलने के बजाय पहले से खुले संस्थानों में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया है। स्कूलों में टीचरों की तैनाती सुनिश्चत की है। सैनिक स्कूल सुजानपुर के लिए तीन करोड़ रुपये दिए जाएंगे। 2025-2026 में नाबार्ड की मदद से 50 सड़कों व पुलों का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री सड़क योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
जिला परिषद का मानदेय 1000 रुपए बढ़ोतरी के बाद 25000 रुपए प्रतिमाह, उपाध्यक्ष को 19000 रुपए, सदस्य को 8300 रुपए, पंचायत समिति अध्यक्ष को 12000 रुपए, उपाध्यक्ष को 9000 रुपए, सदस्य को 7500 रुपए, पंचायत के प्रधान को 7500 रुपए और उपप्रधान को 5100 रुपए मिलेंगे।
पंचायत जनप्रतिनिधियों का नया मानदेय
सीएम ने कहा पंचायतीराज संस्थाओं को मजबूत बनाया जाएगा। पानी की योजनाओं का प्रबंधन पंचायतों को देंगे, ताकि पंचायतों की आय में बढ़ोतरी हो सके।
इसके अलावा कांगड़ा जिले को अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट मैप पर लाने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट का समयबद्ध विस्तारीकरण किया जाएगा। नए वित्तीय वर्ष में इस पर 3000 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, बल्ह एयरपोर्ट के मामले को एयरपोर्ट अथॉरिटी के समक्ष उठाया जाएगा। इसके साथ ही, नादौन में वेलनेस और राफ्टिंग सेंटर भी खोले जाएंगे, जिससे प्रदेश में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
होटल और होम स्टे बनाने के लिए 4 फीसदी ब्याज सरकार वहन करेगी। जनजातीय क्षेत्रों में 5 फीसदी ब्याज की रकम सरकार वहन करेगी. फूड वैन पर 30 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. हाईवे और नेशनल हाईवे पर फूड वैन लगाने पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी. इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और फूड वैन लेने पर 30 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. सीएम सुक्खू ने पर्यटन के विस्तार के लिए हिमाचल में 200 होटल बनाने में निजी क्षेत्र को निमंत्रण दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा ऐसे मामलों में एक महीने के भीतर सभी तरह की परमिशन दे दी जाएगी.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मनरेगा मजदूरों के लिए एक व्यापक योजना लागू करने की घोषणा की। इसके तहत, मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 300 रुपए से बढ़ाकर 320 रुपए की जाएगी। इस कदम से मजदूरों को आर्थिक राहत मिलेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्राइवेट सेक्टर को आमंत्रित करेगी। इसके तहत 200 नए होटल स्थापित किए जाएंगे। सरकार निवेशकों को टू स्टार, थ्री स्टार, फोर स्टार और फाइव स्टार होटल्स के लिए प्रोत्साहित करेगी। इन निवेशकों को एक महीने के भीतर सभी आवश्यक परमिशन दी जाएगी, जिससे पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
सीएम सुक्खू ने नशाखोरी रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने की घोषणा की है। राजगढ़, कंडाघाट में दमकल केंद्र खोला जाएगा। प्रदेश की औद्योगिक नीति में बदलाव किया जाएगा। निवेशकों के लिए मैत्रीपूर्ण वातावरण उपलब्ध करवाया जाएगा। एक उच्च स्तरीय बोर्ड गठित होगा, जो राज्य के औद्योगिक निवेश से से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार करेगा। हिमाचल में तीन नए री-हैब्स बनेंगे।
प्रदेश के युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्टअप योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत, गैरजनजातीय क्षेत्रों में हिमाचल के युवाओं द्वारा होम स्टे और होटल बनाने के लिए लोन पर 5 प्रतिशत ब्याज सरकार वहन करेगी। इससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार शिमला जिले के चांशल को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, कांगड़ा को एक प्रमुख टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए पोंग डेम के आसपास के क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। इसके लिए विकासात्मक योजना (डीपीआर) तैयार कर भारत सरकार को भेज दी गई है। इन कदमों से प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण पर इस बार 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। महिला मंडल और युवक मंडल को प्लांटेशन के लिए एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे। इनकी शत प्रतिशत सर्वाइवल रेट पर हर साल एक-एक लाख रुपए अगले पांच साल तक मिलते रहेंगे। इनकी बाड़बंदी के लिए सरकार 2.40 लाख रुपए देगी।
जंगली जानवरों से फसलें बचाने के लिए सरकार मदद करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खेत संरक्षण योजना के तहत जंगली जानवरों से फसलें बचाने के लिए जालीदार व बाड़बंदी के लिए किसानों को सहायता देने का ऐलान किया। इसके अलावा, 100 गांवों में सिंचाई योजनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह कदम किसानों को राहत देने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
2025-26 में 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत फलदार और औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही, राजीव गांधी वन संवर्धन योजना भी लागू की जाएगी। महिला मंडल, युवक मंडल और स्वयं सहायता समूहों को वार्ड बंधी के तहत एक से पांच हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण और इसके संरक्षण की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए सरकार की ओर से आवश्यक राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना पर कुल 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि गाय के दूध का समर्थन मूल्य 45 रुपए से बढ़ाकर 55 रुपए प्रति लीटर और भैंस के दूध का समर्थन मूल्य 55 रुपए से बढ़ाकर 61 रुपए प्रति लीटर किया जाएगा। इस कदम से प्रदेश के दूध उत्पादकों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कच्ची हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 90 रुपए प्रति किलोग्राम करने की भी घोषणा की।
प्रदेश में गाय और भैंस के दूध का मूल्य बढ़ा दिया गया है। अब गाय का दूध 51 रूपये लीटर और भैंस का दूध 61 रूपये लीटर मिलेगा। वहीं जो लोग दूध को बेचने के लिए सेंटर पर खुद लेकर जाएगे उन्हें ट्रास्पोर्ट सब्सिडी के रूप में अतिरिक्त 2 रूपए दिए जाएंगे। सीएम ने कहा कि इन दोनों ही मदों को मिलाकर इस बार हमारी तरफ से दुग्ध उत्पादकों के लिए 8 रुपए की वृद्धि की गई है।
सीएम सुक्खू ने दूध के समर्थन मूल्य में वृद्धि और अतिरिक्त सहायता की घोषणा की-
प्रदेश की औद्योगिक नीति में बदलाव किया जाएगा। निवेशकों के लिए फ्रेंडली एनवायरनमेंट उपलब्ध करवाया जाएगा। एक उच्च स्तरीय बोर्ड गठित होगा, जो राज्य के औद्योगिक निवेश से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार करेगा। उद्योगों को दो महीने में सभी अनुमतियां दी जाएंगी। 40 पैसे प्रति यूनिट उद्योगों को सब्सिडी साल में दो बार दी जाएगी। डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में ड्रोन टैक्सी सेवाएं उपलब्ध करवाने की योजना बनाएगी। इसका इस्तेमाल कृषि-बागवानी, दवाइयों को पहुंचाने सहित अन्य कार्यों में किया जाएगा। मंडी, हमीरपुर व कांगड़ा में ड्रोन स्टेशन बनेंगे।
सोलर ऊर्जा में स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए ट्राइबल क्षेत्रों में सोलर प्रोजेक्ट स्थापित करने पर ब्याज पर 5 प्रतिशत का उपदान सरकार देगी।
शिमला शहर में लग्जरी बसें चलाई जाएगी ताकि निजी वाहनों का इस्तेमाल कम हो। हिम परिवार पोर्टल के तहत जारी आईडी सरकारी योजनाओं से लिंक होगी, ताकि पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ मिल सके। अंतरजातीय विवाह पर 50 हजार के बजाय अब दो लाख रुपये मिलेंगे।
विधानसभा में बजट पेश करते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा करते हुए कहा कि हिमाचल में एक हजार बसों के रूट जारी होंगे. जिसके लिए युवाओं को डीजल और पेट्रोल की गाड़ियां खरीदने पर 30 फीसदी और इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए 40 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा प्रदेश में 3 हजार डीजल और पेट्रोल टैक्सी को ई-टैक्सी में बदला जाएगा
CM सुक्खू ने कहा कि पूर्व UPA सरकार ने हमीरपुर के नादौन की बड़ा पंचायत में स्पाइस पार्क बनाने का ऐलान किया था। मगर पूर्व BJP सरकार ने इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। मगर अब हमारी सरकार नादौन में स्पाइन पार्क का निर्माण करेगी।
CM सुक्खू ने कहा 2025-26 के दौरान कृषि विभाग के सभी सरकारी फार्मों में खेती की जाएगी। आलू की फसल को बढ़ावा देने के लिए ऊना जिला में 20 करोड़ की लागत से पोटैटो प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में अपने तीसरे बजट प्रस्तुत करते हुए राज्य की वित्तीय स्थिति पर कई महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार को 76,185 करोड़ रुपए का ऋण विरासत में मिला था। इसके अलावा, 12,266 करोड़ रुपए ब्याज भुगतान और 8,087 करोड़ रुपए ऋण वापसी पर खर्च किए गए थे।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में उनकी सरकार ने 29,046 करोड़ रुपए का ऋण लिया है, जिसमें से 8,000 करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए आवंटित किए गए हैं। लेकिन 70 प्रतिशत ऋण का उपयोग पुराने कर्ज के मूलधन और ब्याज चुकाने में किया गया है।
सीएम ने आगे कहा कि भारत सरकार ने 2024-25 के लिए 6,551 करोड़ रुपए के ऋण लेने की सीमा तय की है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3 प्रतिशत होगा। उन्होंने बताया कि अगले वित्त वर्ष में हिमाचल को कितना ऋण मिलेगा, यह पूरी तरह से केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा।
सीएम सुक्खू ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी में बदलाव के कारण स्टेट एक्साइज ड्यूटी और वैट में 867 करोड़ की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, अगले वित्तीय वर्ष में इसमें 300 करोड़ की और वृद्धि होने का अनुमान है।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने विधानसभा तक पहुंचने के लिए अपनी आल्टो कार खुद चलाकर विधानसभा पहुंचने का एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया
बजट भाषण की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने एक प्रेरणादायक शेर पढ़ा: "न गिराया किसी को, कभी न किसी को उछाला, जहां आप पहुंचे छलांगें लगा-लगाकर, मैं भी वहां पहुंचा धीरे-धीरे।"
सत्ता पक्ष के विधायकों ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और मेज थपथपाकर उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री ने इस भाषण के जरिए न केवल प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की, बल्कि उन्होंने राज्य के विकास और कल्याण के लिए अपने संकल्प को भी जाहिर किया।
प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही है, जिसका असर आम जनता पर पड़ रहा है। सीएम का कहना है कि केंद्र की खराब आर्थिक व्यवस्था के कारण हिमाचल को काफी नुकसान हुआ है। सीएम ने कहा कि RDG कोई ग्रांट नहीं है।इससे प्रदेश आत्मनिर्भर नहीं होगा। वहीं, सीएम ने कहा कि हमारा पहाड़ी राज्य स्पेशल केटेगरी में आता है, केंद्र के कारण प्रदेश उपेक्षित महसूस कर रहा है।