#राजनीति
March 17, 2025
BIG BREAKING : हिमाचल में मनरेगा मजदूरों के लिए खुशखबरी, CM ने की बड़ी घोषणा
हिमाचल में 200 नए होटल स्थापित किए जाएंगे
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर वित्तमंत्री प्रदेश का तीसरा बजट विधानसभा में पेश किया। यह बजट कांग्रेस सरकार के तहत उनका तीसरा बजट है, जिसमें राज्य की आर्थिक स्थिति, विकासात्मक योजनाएं और किसानों की सहायता के लिए कई अहम घोषणाएं की जा रही है। सीएम सुक्खू ने इसमें विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की दिशा में कई योजनाओं का एलान कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मनरेगा मजदूरों के लिए एक व्यापक योजना लागू करने की घोषणा की। इसके तहत, मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 300 रुपए से बढ़ाकर 320 रुपए की जाएगी। इस कदम से मजदूरों को आर्थिक राहत मिलेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्राइवेट सेक्टर को आमंत्रित करेगी। इसके तहत 200 नए होटल स्थापित किए जाएंगे। सरकार निवेशकों को टू स्टार, थ्री स्टार, फोर स्टार और फाइव स्टार होटल्स के लिए प्रोत्साहित करेगी। इन निवेशकों को एक महीने के भीतर सभी आवश्यक परमिशन दी जाएगी, जिससे पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
प्रदेश के युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्टअप योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत, गैरजनजातीय क्षेत्रों में हिमाचल के युवाओं द्वारा होम स्टे और होटल बनाने के लिए लोन पर 5 प्रतिशत ब्याज सरकार वहन करेगी। इससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार शिमला जिले के चांशल को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, कांगड़ा को एक प्रमुख टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए पोंग डेम के आसपास के क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। इसके लिए विकासात्मक योजना (डीपीआर) तैयार कर भारत सरकार को भेज दी गई है। इन कदमों से प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण पर इस बार 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। महिला मंडल और युवक मंडल को प्लांटेशन के लिए एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे। इनकी शत प्रतिशत सर्वाइवल रेट पर हर साल एक-एक लाख रुपए अगले पांच साल तक मिलते रहेंगे। इनकी बाड़बंदी के लिए सरकार 2.40 लाख रुपए देगी।
जंगली जानवरों से फसलें बचाने के लिए सरकार मदद करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खेत संरक्षण योजना के तहत जंगली जानवरों से फसलें बचाने के लिए जालीदार व बाड़बंदी के लिए किसानों को सहायता देने का ऐलान किया। इसके अलावा, 100 गांवों में सिंचाई योजनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह कदम किसानों को राहत देने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
2025-26 में 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत फलदार और औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही, राजीव गांधी वन संवर्धन योजना भी लागू की जाएगी। महिला मंडल, युवक मंडल और स्वयं सहायता समूहों को वार्ड बंधी के तहत एक से पांच हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण और इसके संरक्षण की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए सरकार की ओर से आवश्यक राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना पर कुल 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि गाय के दूध का समर्थन मूल्य 45 रुपए से बढ़ाकर 55 रुपए प्रति लीटर और भैंस के दूध का समर्थन मूल्य 55 रुपए से बढ़ाकर 61 रुपए प्रति लीटर किया जाएगा। इस कदम से प्रदेश के दूध उत्पादकों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कच्ची हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 90 रुपए प्रति किलोग्राम करने की भी घोषणा की।
प्रदेश में गाय और भैंस के दूध का मूल्य बढ़ा दिया गया है। अब गाय का दूध 51 रूपय लीटर और भैंस का दूध 61 रूपय लीटर मिलेगा। वहीं जो लोग दूध को बेचने के लिए सेंटर पर खुद लेकर जाएगे उन्हें ट्रास्पोर्ट सब्सिडी के रूप में अतिरिक्त 2 रूपए दिए जाएंगे। सीएम ने कहा कि इन दोनों ही मदों को मिलाकर इस बार हमारी तरफ से दुग्ध उत्पादकों के लिए 8 रुपए की वृद्धि की गई है।
सीएम सुक्खू ने दूध के समर्थन मूल्य में वृद्धि और अतिरिक्त सहायता की घोषणा की-
CM सुक्खू ने कहा कि पूर्व UPA सरकार ने हमीरपुर के नादौन की बड़ा पंचायत में स्पाइस पार्क बनाने का ऐलान किया था। मगर पूर्व BJP सरकार ने इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। मगर अब हमारी सरकार नादौन में स्पाइन पार्क का निर्माण करेगी।
CM सुक्खू ने कहा 2025-26 के दौरान कृषि विभाग के सभी सरकारी फार्मों में खेती की जाएगी। आलू की फसल को बढ़ावा देने के लिए ऊना जिला में 20 करोड़ की लागत से पोटैटो प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में अपने तीसरे बजट प्रस्तुत करते हुए राज्य की वित्तीय स्थिति पर कई महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार को 76,185 करोड़ रुपए का ऋण विरासत में मिला था। इसके अलावा, 12,266 करोड़ रुपए ब्याज भुगतान और 8,087 करोड़ रुपए ऋण वापसी पर खर्च किए गए थे।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में उनकी सरकार ने 29,046 करोड़ रुपए का ऋण लिया है, जिसमें से 8,000 करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए आवंटित किए गए हैं। लेकिन 70 प्रतिशत ऋण का उपयोग पुराने कर्ज के मूलधन और ब्याज चुकाने में किया गया है।
सीएम ने आगे कहा कि भारत सरकार ने 2024-25 के लिए 6,551 करोड़ रुपए के ऋण लेने की सीमा तय की है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3 प्रतिशत होगा। उन्होंने बताया कि अगले वित्त वर्ष में हिमाचल को कितना ऋण मिलेगा, यह पूरी तरह से केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा।
सीएम सुक्खू ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी में बदलाव के कारण स्टेट एक्साइज ड्यूटी और वैट में 867 करोड़ की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, अगले वित्तीय वर्ष में इसमें 300 करोड़ की और वृद्धि होने का अनुमान है।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने विधानसभा तक पहुंचने के लिए अपनी आल्टो कार खुद चलाकर विधानसभा पहुंचने का एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया
बजट भाषण की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने एक प्रेरणादायक शेर पढ़ा: "न गिराया किसी को, कभी न किसी को उछाला, जहां आप पहुंचे छलांगें लगा-लगाकर, मैं भी वहां पहुंचा धीरे-धीरे।"
सत्ता पक्ष के विधायकों ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और मेज थपथपाकर उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री ने इस भाषण के जरिए न केवल प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की, बल्कि उन्होंने राज्य के विकास और कल्याण के लिए अपने संकल्प को भी जाहिर किया।
प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही है, जिसका असर आम जनता पर पड़ रहा है। सीएम का कहना है कि केंद्र की खराब आर्थिक व्यवस्था के कारण हिमाचल को काफी नुकसान हुआ है। सीएम ने कहा कि RDG कोई ग्रांट नहीं है।इससे प्रदेश आत्मनिर्भर नहीं होगा। वहीं, सीएम ने कहा कि हमारा पहाड़ी राज्य स्पेशल केटेगरी में आता है, केंद्र के कारण प्रदेश उपेक्षित महसूस कर रहा है।