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February 27, 2025

हिमाचल BJP प्रदेश अध्यक्ष को लेकर खींचतान- 3 गुटों में फंसा पेंच, इन नामों पर सहमति नहीं

तीन गुटों की खींचतान में फंसा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में BJP के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भारी गुटबाजी चल रही है। एक तरफ जहां सांसदों का एक गुट अध्यक्षता की कमान देने के पक्ष में है, वहीं दूसरे गुट की कोशिश है कि डॉ. राजीव बिंदल को फिर से पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। पार्टी के तीसरे खेमे ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है और वह समय का इंतजार कर रहा है कि कौन सा गुट जीतता है।

 अब मार्च में फैसला होने की संभावना  

इस मुद्दे पर पिछले कुछ समय से पार्टी में चर्चाएं जारी हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव दिसंबर में तय माना जा रहा था, लेकिन जनवरी और फरवरी के महीनों के गुजरने के बाद अब यह संभावना जताई जा रही है कि मार्च में ही इस पर फैसला होगा।  

 

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BJP की गुटबाजी और खेमे  

भले ही BJP की गुटबाजी कांग्रेस जैसी सार्वजनिक न हो, लेकिन अंदरखाते इसकी खींचतान जोरों पर है। इस समय दो प्रमुख खेमे सामने आ रहे हैं। एक गुट में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और राजीव भारद्वाज का नाम प्रमुख है, जिन्हें अध्यक्ष बनाने का प्रबल समर्थन किया जा रहा है। इस गुट का तर्क है कि राजीव भारद्वाज ब्राह्मण समुदाय से हैं और कांगड़ा जिले से संबंध रखते हैं, पार्टी में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने में मददगार हो सकता है।

 

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इन नामों पर भी चर्चा तेज

इस गुट को यदि राजीव भारद्वाज पर सहमति नहीं मिलती, तो यह डॉ. सिकंदर कुमार के नाम पर भी विचार कर सकता है। डॉ. सिकंदर अनुसूचित जाति से आते हैं और वे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के गृह जिले हमीरपुर से हैं, जिससे पार्टी को एक नया नेतृत्व मिल सकता है। इसके अलावा, अगर इंदु गोस्वामी को अध्यक्ष बनाया जाता है तो यह गुट उसे भी स्वीकार कर सकता है।

दूसरा गुट: डॉ. राजीव बिंदल को फिर से अध्यक्ष बनाने का समर्थन  

दूसरी तरफ, एक गुट जो डॉ. राजीव बिंदल को फिर से अध्यक्ष बनाने की उम्मीद लगाए बैठा है। यह गुट यह मानता है कि जैसा कि पड़ोसी राज्यों जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्षों को रिपीट किया है, वैसे ही हिमाचल में भी राजीव बिंदल को रिपीट किया जा सकता है। राजीव बिंदल BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की भी पसंद हैं और उनका चुनावी प्रबंधन पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है।

 

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त्रिलोक जम्वाल का नाम भी चर्चा में  

हालांकि, कुछ समय से चर्चा में रहे त्रिलोक जम्वाल का नाम BJP प्रदेश अध्यक्ष के लिए सामने आ रहा है, लेकिन उन्हें इस पद पर नहीं लाया जा सकता। इसके पीछे मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि वे एक विधायक हैं, और अगर पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर विधायकों को अध्यक्ष बनाने से मना किया तो उनका नाम हटा दिया जाएगा।

तीसरा गुट: धूमल और अनुराग ठाकुर के समर्थक  

तीसरे गुट की बात करें तो यह धूमल और अनुराग ठाकुर के समर्थकों से संबंधित माना जा रहा है। हालांकि, यह गुट अभी खामोश है और रणनीतिक रूप से समय का इंतजार कर रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि पार्टी के मिशन रिपीट में नाकामी और उपचुनावों में हार के बाद इसे हाशिए पर धकेल दिया गया है, लेकिन यह गुट अब भी अपनी रणनीति पर काम कर रहा है।

 

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जटिल हुई प्रक्रिया

पार्टी के सह प्रभारी संजय टंडन ने भी इस पर बयान दिया है और कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर फैसला करेगा। प्रदेश में BJP का प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव एक जटिल मुद्दा बन चुका है, जहां तीन प्रमुख गुट अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। फिलहाल, सभी की निगाहें इस पर हैं कि मार्च में इस पर आखिरकार किसे कमान दी जाएगी।

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