#राजनीति
December 7, 2025
केंद्र ने हिमाचल को 35 हजार करोड़ दिए: CM सुक्खू कहां खर्च रहे हैं पैसा ?
भाजपा के पूर्व मंत्री ने सुक्खू सरकार से मांगा केंद्र से मिले पैसे का हिसाब
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कुल्लू। केंद्र की मोदी सरकार ने अब तक हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार को 35 हजार करोड़ की भारी वित्तीय सहायता प्रदान की है। भारी भरकम राशि केंद्र से मिलने के बावजूद हिमाचल प्रदेश के विकास कार्य ठप्प पड़े हुए हैंए कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर वेतन पेंशन का भुगतान नहीं हो रहा है। सुक्खू सरकार हर माह लोन ले रही है। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू केंद्र से मिली सहायता राशि को कहां खर्च कर रहे हैं। यह आरोप हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने लगाए हैं।
पर्यटन नगरी मनाली में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार से प्राप्त सहायता राशि अपने आप में रिकॉर्ड है, लेकिन इसके उपयोग को लेकर गंभीर सवाल पैदा हो गए हैं। ठाकुर ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को मिले फंड का सही उपयोग न होने की वजह से न विकास कार्य तेजी पकड़ रहे हैं और न ही कर्मचारियों.पेंशनरों को समय पर भुगतान हो पा रहा है।
मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि विधानसभा में भाजपा विधायकों के सवालों के जवाब में यह साफ हो गया है कि प्रदेश को केंद्र की मोदी सरकार से तीन साल में 35 हजार करोड़ की वित्तीय सहायता मिली है। लेकिन यह पैसा कहां खर्च किया गया।
भाजपा नेता के मुताबिक
वर्ष 2023-24 में: 16,591 करोड़ रुपये
वर्ष 2024-25 में: 16,243 करोड़ रुपये
वर्ष 2025-26 में अब तक: 724 करोड़ रुपये ;
जो वर्ष के अंत तक लगभग 17,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान
पूर्व भाजपा मंत्री ने बताया कि ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभागों को साढ़े चार हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि केंद्र से अलग प्राप्त हुई है, जिसका खुलासा भी राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने ही विधानसभा में स्वीकार किया है। उनके अनुसार तीन वर्षों में हिमाचल को 20,000 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा मिला है।
गोविंद ठाकुर ने तीखे शब्दों में सुक्खू सरकार से सवाल पूछा है कि यदि केंद्र से इतनी भारी भरकम आर्थिक सहायता मिल रही है, तो फिर हिमाचल प्रदेश वित्तीय संकट की ओर क्यों बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास परियोजनाओं की गति लगभग थमी हुई है। कई विभागों को सुक्खू सरकार समय पर जारी बजट जारी नहीं कर पा रही है। कर्मचारियों और पेंशनरों को भुगतान में देरी हो रही है। इतना ही नहीं सरकार लगातार कर्ज ले रही है। भाजपा नेता ने दावा किया कि सुक्खू सरकार की लोन पर निर्भरता बढ़ती जा रही है, जबकि केंद्र सरकार लगातार मदद दे रही है। ऐसे में वित्तीय कुप्रबंधन की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा।
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भाजपा का कहना है कि केंद्र पर सहयोग नहीं करने के आरोप दरअसल सुक्खू सरकार की अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने का प्रयास हैं। ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की जनता यह जानना चाहती है कि इतनी बड़ी धनराशि का उपयोग किस दिशा में हो रहा है और क्यों सरकार वित्तीय असंतुलन से उबर नहीं पा रही। उन्होंने मांग उठाई कि सरकार को यह सार्वजनिक करना चाहिए कि केंद्र से मिली भारी सहायता के बावजूद राज्य पर कर्ज का बोझ लगातार क्यों बढ़ रहा है और विकास कार्य क्यों पिछड़ रहे हैं।