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October 6, 2025
कौन होगा हिमाचल कांग्रेस का नया हेड... आज हो जाएगा फैसला ! रजनी पाटिल ने दिल्ली बुलाए सीएम सुक्खू
दिल्ली पहुंचे सीएम सुक्खू रजनी पाटिल से करेंगे संगठन और प्रदेश अध्यक्ष पर चर्चा
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शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में संगठनात्मक ढांचे की कमी को पूरा करने की कोशिशें एक बार फिर तेज हो गई हैं। प्रदेश कांग्रेस पिछले करीब एक साल से बिना संगठन के चल रही है, जबकि नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ताजपोशी को लेकर चर्चा बीते छह से आठ महीने से जारी है। इसके लिए दिल्ली दरबार में कई बार बैठकों का दौर भी चला था, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। अब एक बार फिर प्रदेश के मुखिया दिल्ली दरबार में पहुंच गए हैं। सीएम सुक्खू के दिल्ली पहुंचने के बाद से ही हिमाचल के राजनीतिक गलियारों खासकर कांग्रेस के अंदरखाते सियासत गरमाने लगी है।
सूत्रों के अनुसार हिमाचल कांग्रेस की प्रभारी रजनी पाटिल ने सीएम सुक्खू को दिल्ली तलब किया है। माना जा रहा है कि वे आज कांग्रेस अध्यक्ष पद और संगठन के गठन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक कर सकती हैं। यह भी माना जा रहा है कि आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के नाम पर अंतिम मुहर लग सकती है। क्योंकि हिमाचल कांग्रेंस पंचायत चुनाव से पहले संगठन को खड़ा करने की पैरवी कर रहा है।
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कांग्रेस में संगठन के गठन की कवायद पिछले कई महीनों से जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री सुक्खू समेत कई वरिष्ठ नेता कई बार दिल्ली दौरा कर चुके हैं। बावजूद इसके अब तक किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। पार्टी का पूरा संगठन नवंबर 2023 में भंग कर दिया गया था और तब से अब तक केवल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ही एकमात्र पदाधिकारी के रूप में जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में कई दिग्गज नेताओं के नाम चल रहे हैं। इनमें शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर, आशीष बुटेल, विनय कुमार, संजय अवस्थी, विनोद सुल्तानपुरी और सुरेश कुमार प्रमुख दावेदारों के रूप में उभरे हैं। इतना ही नहीं अभी कुछ दिन पहले ही कौल सिंह ठाकुर ने भी दिल्ली में रजनी पाटिल से मुलाकात की थी। सूत्र बताते हैं कि रोहित ठाकुर का नाम हाल ही में राहुल गांधी के साथ हुई मुलाकात के बाद चर्चा में आया है। चौथी बार विधायक चुने गए ठाकुर मौजूदा सरकार में मंत्री हैं, जिससे उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
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पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर को भी एक अनुभवी और प्रभावशाली नेता के रूप में देखा जा रहा है। उनके अध्यक्ष पद के कार्यकाल को पार्टी में सफल माना गया था, हालांकि वह खुद इस बार जिम्मेदारी लेने को लेकर फिलहाल अनिच्छुक बताए जा रहे हैं। वहीं, पालमपुर से विधायक आशीष बुटेल का नाम भी राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद चर्चा में आया है। बुटेल प्रदेश की राजनीति में कांगड़ा जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो चुनावी दृष्टि से बेहद अहम माना जाता है। पार्टी रणनीतिक तौर पर बुटेल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कांगड़ा में संतुलन साधने की कोशिश कर सकती है।
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सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस एससी वर्ग को साधने के लिए इस बार विनय कुमार, विनोद सुल्तानपुरी या सुरेश कुमार में से किसी एक पर दांव खेल सकती है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुक्खू सुरेश कुमार के नाम पर जोर दे रहे हैं, हालांकि वरिष्ठ नेताओं में इस पर मतभेद हैं। संगठन के अनुभव के लिहाज से विनय कुमार को सबसे आगे माना जा रहा है।
दिल्ली में आज होने वाली संभावित बैठक में सभी नामों पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है। पार्टी नेतृत्व पहले नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेगा, इसके बाद प्रदेश कांग्रेस का नया संगठनात्मक ढांचा तैयार किया जाएगा। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हिमाचल कांग्रेस लंबे समय से अस्थिर संगठनात्मक स्थिति में है, और अब जब लोकसभा चुनावों की समीक्षा और आगामी निकाय चुनावों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, तो नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी पार्टी के लिए संगठनात्मक पुनर्जीवन का अहम कदम साबित हो सकती है।