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August 14, 2025

सीएम सुक्खू की विपक्ष को चेतावनी, जनहित के सुझाव सुनेगी सरकार, अनावश्यक विरोध नहीे करेंगे बर्दाश्त

बोले-वॉकआउट छोड़कर सदन में ठोस सुझाव दे विपक्ष

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Vidhan sabha Monsoon session

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में इन दिनों गर्माहट बढ़ती जा रही है। मानसून सत्र की तैयारी के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष विशेषकर भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सदन में वॉकआउट की राजनीति छोड़कर जनहित के मुद्दों पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस बार प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा मानसून सत्र आयोजित करने जा रही है, और यह सत्र विपक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, यदि वह इसका रचनात्मक उपयोग करना चाहे।

वॉकआउट कर समय बर्बाद ना करे विपक्ष

मुख्यमंत्री सुक्खू ने विपक्ष को चेताते हुए कहा कि केवल वॉकआउट कर समय बर्बाद करने से प्रदेश का विकास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा विपक्ष के लिए होती है, लेकिन उनका कार्य केवल वॉकआउट करना नहीं, बल्कि जनहित के मुद्दे उठाना होना चाहिए। अगर वे आत्मनिर्भर हिमाचल की दिशा में सुझाव देंगे तो सरकार उन्हें ज़रूर सुनेगी।

 

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अनावश्यक विरोध नहीं करेंगे बर्दाश्त

मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह भी संकेत दिए कि आगामी विधानसभा सत्र में सरकार विपक्ष के अनावश्यक विरोध को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने दो टूक कहा, "हिमाचल की जनता विकास चाहती है, न कि राजनीतिक नौटंकी। विपक्ष यदि वाकई प्रदेश की भलाई चाहता है, तो उसे वॉकआउट छोड़कर सदन में ठोस सुझाव देने चाहिए।"

भाजपा में पांच धड़े] एकजुटता नदारद

मुख्यमंत्री ने भाजपा की आंतरिक राजनीति पर भी करारा तंज कसा। उन्होंने कहा कि भाजपा इस समय पांच अलग-अलग धड़ों में बंटी हुई है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर भी कटाक्ष करते हुए कहा fd जब जयराम ठाकुर बोलने के लिए खड़े होते हैं] तो उनकी ही पार्टी का कोई दूसरा विधायक हाथ खड़ा कर देता है। इससे विधानसभा अध्यक्ष भी भ्रमित हो जाते हैं कि किसे बोलने दें। सुक्खू ने इसे विपक्ष की विफल रणनीति और अस्थिर नेतृत्व का प्रतीक बताया।

 

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पर्यावरणीय आपदाओं पर चिंता

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लगातार हो रही पर्यावरणीय आपदाओं पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि कुल्लू] किन्नौर और लाहौल-स्पीति जैसे क्षेत्रों में इस बार बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं] जो पहले कभी नहीं होती थीं। उन्होंने इन घटनाओं को ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरणीय असंतुलन का नतीजा बताया।

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सुक्खू ने कहा, "पहाड़ों में जहां पहले बर्फबारी होती थी, अब भारी बारिश तबाही मचा रही है। हमने केंद्र सरकार के समक्ष यह मुद्दा गंभीरता से उठाया है और एक केंद्रीय टीम प्रदेश का दौरा भी कर चुकी है। टीम यह पता लगाएगी कि आखिर बादल फटने की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं।"

2023 की आपदा का जिक्र – विपक्ष की भूमिका पर सवाल

मुख्यमंत्री ने विपक्ष को याद दिलाया कि 2023 में जब प्रदेश को 10,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था, उस वक्त भाजपा ने ही चर्चा की मांग की थी, लेकिन राहत पैकेज का प्रस्ताव पारित करने से पहले ही विपक्ष वॉकआउट कर गया था। "अब जब सराज क्षेत्र में आपदा आई है, तो भाजपा दिल्ली जाकर राहत पैकेज की मांग कर रही है। यह स्वागतयोग्य कदम है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि केंद्र से अभी तक कोई विशेष राहत नहीं मिली है,"

 

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मुख्यमंत्री के इन बयानों से साफ है कि आने वाला मानसून सत्र केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी काफी गर्म रहने वाला है। सत्र से पहले ही मुख्यमंत्री सुक्खू के आक्रामक तेवर और विपक्ष को सीधी चेतावनी प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा सकती है। विपक्ष अब कैसे जवाब देता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

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