#राजनीति
July 28, 2025
हिमाचल : BJP नेता ने सेब MIP पर बोला झूठ- राज्यसभा में केंद्र के जवाब से खुला राज
कांग्रेस का हमला: चेतन बरागटा झूठ बोलने में नंबर-1
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शिमला। हिमाचल में इन दिनों सेब सीजन पीक पर पहुंच चुका है। वहीं, राज्यसभा में सेब पर लगे एक प्रश्न ने पूरे प्रदेश की सियासत में आग लग गई है। बता दें कि सांसद हर्ष महाजन ने संसद में सवाल पूछा था कि क्या सेब का न्यूनतम आयात मूल्य बढ़ाया गया है या नहीं
राज्यसभा में सांसद हर्ष महाजन के सवाल के जवाब में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) 50 रूपए प्रति किलो और आयात शुल्क (इम्पोर्ट ड्यूटी) 50% है। साथ ही यह भी बताया गया कि ड्यूटी बढ़ाने से संबंधित कोई प्रस्ताव फिलहाल मंत्रालय के पास नहीं है।
सेब पर MIP 80 रूपए प्रति किलो करने की खबर को बागवानों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा था। हिमाचल की लगभग 5500 रूपए करोड़ की सेब इंडस्ट्री को विदेशी आयात से भारी नुकसान होता है। यदि MIP 80 रूपए और इम्पोर्ट ड्यूटी 50% होती, तो विदेश से आयातित सेब भारत में 120/kg से कम कीमत पर नहीं बिक सकता था, जिससे घरेलू बागवानों को फायदा मिलता।
लेकिन अब खुलासा हुआ है कि MIP अभी भी 50 रूपए ही है और ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जिसके बाद प्रदेश में कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी नेताओं पर तीखी टिप्पणी की है।
बागवानों को पीए नरेंद्र मोदी से भी नाराजगी है, जिन्होंने 2014 में मंडी के सुंदरनगर में एक जनसभा में सेब पर 100% इम्पोर्ट ड्यूटी का वादा किया था। लेकिन आज भी ड्यूटी 50% है, जबकि वाशिंगटन एप्पल पर यह पहले 75% थी।
कांग्रेस प्रवक्ता कौशल मुंगटा ने चेतन बरागटा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वह बागवानों को अनपढ़ समझते हैं और बार-बार झूठे दावे करते हैं। उनका दावा सरासर झूठा निकला। उन्होंने कहा कि केंद्र के जवाब से यह साफ हो गया है कि भाजपा केवल शिगुफा छोड़ रही है और चेतन बरागटा झूठ बोलने में नंबर 1 है।
उधर, सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अमेरिका के दबाव में सेब पर ड्यूटी को 50% से घटाकर 15% करने की योजना बना रही है और उसी दिशा में माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा बागवानों को गुमराह कर रही है और संगठित होने से रोक रही है।
माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि BJP ने जानबूझकर झूठा प्रचार किया। MIP 100 रुपए और इम्पोर्ट ड्यूटी 100% होनी चाहिए, जैसे चाय और कॉफी पर है। मोदी सरकार पूरी तरह किसान और बागवान विरोधी है।