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July 18, 2025
शिमला की सफाई पर लगा दाग : देश में टॉप 300 की लिस्ट से भी बाहर, हिमाचल का ये शहर सबसे साफ
शिमला नगर निगम ने सर्वेक्षण में हुई रैंकिंग को चुनौती देने का फैसला किया है
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शिमला। कभी हिमाचल प्रदेश का सबसे स्वच्छ शहर कहलाने वाला शिमला अब स्वच्छता के पैमाने पर बुरी तरह फिसल गया है। केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 के ताजा नतीजों में शिमला को राष्ट्रीय स्तर पर 347वां स्थान मिला है, जो अब तक की सबसे निम्न रैंकिंग है।
पिछले साल यह शहर 188वें स्थान पर था और इस बार तो देश के टॉप 300 स्वच्छ शहरों की सूची से भी बाहर हो गया है। स्वच्छता के मामले में शिमला की यह गिरावट केवल राष्ट्रीय स्तर तक सीमित नहीं रही।
हिमाचल प्रदेश में भी शिमला तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। इस बार राज्य में शिमला जिले का ही ठियोग शहर सबसे स्वच्छ शहर बना है, जबकि हमीरपुर जिले का नादौन दूसरे और शिमला शहर तीसरे स्थान पर आया है।
शहर को रिहायशी इलाकों और बाजारों में सफाई व्यवस्था के लिए कुछ हद तक अंक जरूर मिले, लेकिन घरों से कूड़ा संग्रह, गीला‑सूखा कचरे का पृथक्करण, वैज्ञानिक कचरा निपटान, और जल स्रोतों की सफाई जैसे महत्त्वपूर्ण पहलुओं में शिमला पीछे रह गया।
20,000 से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में ठियोग में घर-घर से कचरा इकट्ठा करने की नियमित व्यवस्था है। गीले और सूखे कचरे का स्रोत पर ही पृथक्करण सुनिश्चित किया गया है।
ठियोग का कचरा शिमला नगर निगम के भरयाल संयंत्र में प्रोसेस किया जाता है, परंतु व्यवस्था स्थानीय स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू की गई है। इसी के आधार पर ठियेग ने बेहतरीन प्रदर्शन कर राज्य में पहला स्थान हासिल किया है।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वच्छता पुरस्कार प्रदान किए। कार्यक्रम में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल सहित विभिन्न राज्यों और नगर निकायों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इसी मंच से देशभर के शहरों की रैंकिंग सार्वजनिक की गई।
शिमला नगर निगम ने सर्वेक्षण में हुई रैंकिंग को चुनौती देने का फैसला किया है। उनका दावा है कि शहर में सफाई व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और सर्वे में कई तथ्यों को नजरअंदाज किया गया है। निगम प्रशासन का कहना है कि सर्वेक्षण प्रक्रिया में तकनीकी खामियां हैं, और वे इसके खिलाफ औपचारिक अपील दाखिल करेंगे।