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May 18, 2025

सुक्खू सरकार हुई सख्त, बोर्ड परीक्षा में खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों पर गिरेगी गाज

शिक्षकों की रोकी जाएगी वेतन वृद्धि, एसीआर में भी लिखी जाएगी परफॉर्मेंस 

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govt school teacher

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई कदम उठा रही है। बावजूद इसके प्रदेश के सरकारी स्कूलों का रिजल्ट काफी निराशाजनक आ रहा है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने अभी हाल ही में 10वीं और 12वीं कक्षा का परिक्षा परिणाम घोषित किया है। इस परीक्षा परिणाम में सरकारी स्कूलों के बच्चों का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। टॉप 10 की सूची में भी सरकारी स्कूलों के छात्रों की गिनती बहुत कम है। ऐसे में अब प्रदेश की सुक्खू सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।

शिक्षा मंत्री ने शिक्षा निदेशालय को दिए निर्देश

सुक्खू सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। हाल ही में घोषित 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में निराशाजनक प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस संबंध में शिक्षा निदेशालय को सख्त निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि वह स्कूल व विष्यवार परिणाम तैयार करें। यानी किस स्कूल का परिणाम कितना प्रतिशत रहा है और किस किस विषय का परिणाम कैसा रहा है, इसकी एक सूची तैयार की जाए। वहीं 10वीं और 12वीं कक्षाओं के परिणामों में टॉप 500 छात्रों की सूची अलग से तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

 

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क्या होगा एक्शन प्लान

सरकार की योजना के अनुसार:

जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम 25% से कम रहा है, वहां के शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है।

ऐसे शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) में कमजोर प्रदर्शन का उल्लेख किया जाएगा।

पूरे राज्य में स्कूल-वार और विषय-वार परीक्षा परिणामों का विश्लेषण कराया जाएगा।

परीक्षा में 60% और 80% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर भी स्कूलों का मूल्यांकन होगा।\

 

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तीन श्रेणियों में बंटेंगे स्कूल

परीक्षा परिणामों के आधार पर स्कूलों को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा:

0–25% परिणाम वाले स्कूल

26–50% परिणाम वाले स्कूल

50% से अधिक परिणाम देने वाले स्कूल

पिछले वर्ष भी हुई थी कार्रवाई

शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष 116 स्कूलों के 250 शिक्षकों को नोटिस जारी किया था। इनमें से कई की वेतन वृद्धि रोक दी गई थी और एसीआर में खराब प्रदर्शन दर्ज किया गया था। सरकार की सख्ती के बाद भी इस बार साल 2025 में सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम काफी निराशाजनक रहा है। हिमाचल बोर्ड द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में सरकारी स्कूलों के बहुत कम छात्र मेरिट में आ पाए हैं। वहीं कई स्कूलों का परीक्षा परिणाम शून्य भी आया है।

 

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गुणवत्ता सुधार की दिशा में कदम

राज्य सरकार शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षणए कार्यशालाओं और अंतरराष्ट्रीय अध्ययन दौरों जैसे प्रयास कर रही है। कई शिक्षकों को विदेशों में जाकर आधुनिक शिक्षण तकनीकों का प्रशिक्षण लेने का अवसर भी दिया जा रहा है। बावजूद इसके प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है।

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तबादला नीति पर पुनर्विचार

शिक्षकों ने यह भी तर्क दिया है कि अक्सर सत्र के मध्य में तबादले और शिक्षकों की नियुक्तियों में देरी भी छात्रों के कमजोर प्रदर्शन का एक प्रमुख कारण हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने पिछले वर्ष सत्र के दौरान तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध भी लागू किया था।

शिक्षा मंत्री का सख्त संदेश

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा के स्तर में गिरावट को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम शिक्षकों को पूरा सहयोग दे रहे हैं, लेकिन उनसे भी उत्कृष्ट परिणाम की अपेक्षा की जाती है। अब प्रदर्शन के आधार पर जवाबदेही तय होगी।

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