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May 18, 2025

हिमाचल में पकड़ा फर्जी अभ्यर्थी, दूसरे की जगह दे रहा था JSA की परीक्षा, ऐसे हुआ शक

शिमला के भराड़ी परीक्षा केंद्र से सामने आया मामला

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरी पाने के लिए कुछ युवा गलत रास्ता भी अपनाने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला हिमाचल की राजधानी शिमला से सामने आया है। यहां एक प्रतियोगी परीक्षा में अभ्यर्थी की जगह दूसरा शख्स परीक्षा देते हुए पकड़ा गया है। मामले का खुलासा होते ही परीक्षा केंद्र में हड़कंप मच गया। वहीं पुलिस ने दूसरे की जगह पेपर दे रहे युवक को हिरासत में लेकर आगामी जांच शुरू कर दी है।

दूसरे की जगह परीक्षा देते पकड़ा युवक

दरअसल हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आयोजित जूनियर सेक्रेटेरिएट असिस्टेंट (JSA) परीक्षा में शनिवार को एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। भराड़ी क्षेत्र के एक परीक्षा केंद्र में एक युवक को उस समय रंगे हाथों पकड़ लिया गया जब वह किसी और की जगह परीक्षा देने पहुंचा था। परीक्षा केंद्र अधीक्षक की सतर्कता और जांच के चलते यह धोखाधड़ी समय रहते पकड़ी गई।

 

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कैसे हुआ शक

मिली जानकारी के अनुसार परीक्षा केंद्र अधीक्षक नितीश कुमार ने देखा कि एक परीक्षार्थी की फोटो और हस्ताक्षर उसके एडमिट कार्ड पर दर्ज विवरण से मेल नहीं खा रहे थे। शक होने पर गहराई से पूछताछ की गई, जिसमें युवक ने खुद कबूल कर लिया कि उसका नाम संदीप कुमार (उम्र 23 वर्ष), निवासी गांव थुआ, जिला जींद (हरियाणा) है और वह अजय कुमार नामक अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने आया था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संदीप को हिरासत में लिया और भारतीय न्याय संहिता की धारा 319(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया।

 

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क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

सदर थाना शिमला के एक अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में संदीप ने यह स्वीकार किया है कि वह जानबूझकर दूसरे अभ्यर्थी की जगह परीक्षा में शामिल हुआ था। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। इसके साथ ही असली अभ्यर्थी अजय कुमार की भूमिका की भी गहनता से जांच की जा रही है।

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बेरोजगारी एक बड़ा कारण

इस प्रकार की घटनाएं देश प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी की ओर भी इशारा करती हैं। सरकारी नौकरियों के सीमित अवसर और प्रतियोगी परीक्षाओं में अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के कारण कुछ युवक गलत रास्ता अपनाने को मजबूर हो रहे हैं। यह न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि ईमानदार अभ्यर्थियों के साथ अन्याय भी है। प्रशासन ने साफ किया है कि परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन जैसे कड़े कदम उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न दोहराई जाएं।

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