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September 2, 2025
हिमाचल में संगठित होकर नकल कराने वालों को दस साल की कैद, एक करोड़ जुर्माना; विधेयक पारित
सरकारी योजना में बाधा पहुंचाने वाले को भी अब छह माह की होगी जेल
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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में आज का दिन ऐतिहासिक रहा, जब सरकार ने एक के बाद एक दो अहम विधेयक सदन में प्रस्तुत किए और पारित कराए। ये विधेयक राज्य में पारदर्शी भर्ती प्रणाली सुनिश्चित करने और लोक उपयोगिता से जुड़ी संरचनाओं को अवैध अतिक्रमण और हस्तक्षेप से बचाने की दिशा में मील का पत्थर माने जा रहे हैं।
सदन में आज हिमाचल प्रदेश लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक-2025 और लोक उपयोगिता प्रतिषेध विधेयक’ पारित किया
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक-2025’ को विधानसभा में पेश करते हुए कहा कि राज्य सरकार भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक उन घटनाओं की प्रतिक्रिया है जो हाल के वर्षों में सामने आई थीं, जब हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग सहित कई परीक्षाएं पेपर लीक के चलते रद्द करनी पड़ी थीं। 2022 में आयोग को निलंबित और 2023 में भंग कर दिया गया था।
इसी सत्र में ‘लोक उपयोगिता प्रतिषेध विधेयक’ को भी सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक का उद्देश्य उन सार्वजनिक संरचनाओं, जैसे सड़कें, सरकारी भवन, नहरें, पेयजल और सिंचाई योजनाओं को अवैध कब्जे या विघ्न से बचाना है, जो निजी भूमि पर बने हैं लेकिन सार्वजनिक हित में उपयोग हो रहे हैं।
विधानसभा में सोमवार को ‘पंचायती राज संशोधन विधेयक 2025’ भी पेश किया गया। उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने यह विधेयक पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री की अनुपस्थिति में प्रस्तुत किया। इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि जल्द ही राज्य में भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) जैसे नए केंद्रीय कानूनों को लागू किया जाएगा, जो भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की जगह लेंगे।