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September 2, 2025

हिमाचल में पंचायत चुनावों को पोस्टपोन करने पर CM सुक्खू ने दिया बड़ा बयान, जानें क्या बोले

नई पंचायतों के गठन से CM का इनकार

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Himachal Panchayat Elections

शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस साल के आखिर में प्रस्तावित पंचायत चुनावों को लेकर सरकार ने स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी है। विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव समय पर ही होंगे और इनमें किसी प्रकार की देरी नहीं की जाएगी।

नहीं होगा नई पंचायतों का गठन

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नालागढ़ से कांग्रेस विधायक हरदीप बावा के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार चुनाव टालने पर विचार नहीं कर रही है। नई पंचायतों के गठन को लेकर उठे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस बार नई पंचायतों का गठन नहीं करेगी।

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गौरतलब है कि विधानसभा को इस विषय पर साढ़े सात सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन सरकार ने मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इन्हें स्वीकार न करने का फैसला लिया है।

यह बोले पंचायती राज मंत्री

इसी बीच, विधानसभा के इसी सत्र में नगर निगम और नगरपालिका संशोधन विधेयक पारित किया गया है, जिसके तहत शहरी निकायों के चुनाव को दो वर्ष तक टाला जा सकता है। विपक्ष के विरोध के बावजूद यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ।

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इसके बाद सरकार अब नवगठित नगर निगमों और निकायों में चुनाव स्थगित कर सकती है। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विपक्ष की शंकाओं को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में तेज़ी से जनसंख्या बढ़ने और अव्यवस्थित निर्माण को नियंत्रित करने की आवश्यकता के कारण यह संशोधन आवश्यक है।

निकाय चुनाव स्थगित का प्रावधान

उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 की तुलना में 2024 में शहरी जनसंख्या 60 प्रतिशत बढ़कर 9.16 लाख तक पहुंच चुकी है। ऐसे में शहरी निकायों को लेकर पुनर्गठन ज़रूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि ओबीसी सर्वेक्षण केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए हुआ था, जबकि शहरी निकायों में इसका अद्यतन होना आवश्यक है ताकि किसी वर्ग के साथ अन्याय न हो। इसी वजह से निकाय चुनाव स्थगित करने का प्रावधान लाया गया है।

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आज सत्र का अंतिम दिन

बहरहाल, आज मानसून सत्र का अंतिम दिन है। यह सत्र 18 अगस्त से शुरू हुआ था और इसे विधानसभा इतिहास के सबसे लंबे सत्रों में से एक माना जा रहा है। इस दौरान आपदा प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य कई अहम विषयों पर चर्चा हुई। कई बार विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए और सदन से वॉकआउट भी किया, लेकिन सरकार ने अपने रुख पर मजबूती से टिके रहते हुए पंचायत चुनावों को लेकर स्थिति साफ कर दी है।

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