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September 2, 2025
हिमाचल में मौसम के हाल- कहीं बारिश ने मचाया तांडव तो कहीं बर्फ से लदे पहाड़
बारिश ने तोड़ा 80 साल का रिकॉर्ड
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस बार मौसम ने हैरान कर देने वाले रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं। सितंबर का महीना आमतौर पर बरसात और ठंड की हल्की आहट का होता है, लेकिन इस बार सर्दियों के शुरू होने से पहले ही ऊंची चोटियां बर्फ से ढकने लगी हैं। सोमवार को किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा और कुल्लू के मनाली के सामने की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी दर्ज की गई।
मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर महीने में बर्फबारी बहुत कम देखने को मिलती है। आमतौर पर मानसून सीजन में सिर्फ ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फ गिरती है, लेकिन इस बार लगातार बारिश के चलते किन्नर कैलाश (किन्नौर), मणिमहेश (चंबा), हनुमान टीबा और फ्रेंडशिप पीक (मनाली क्षेत्र) पर बर्फ जम गई है।
इसे मौसम वैज्ञानिक ग्लोबल वार्मिंग और बदलते मौसम के पैटर्न से जोड़कर देख रहे हैं। बारिश ने इस बार 80 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। बड़ा सवाल यह भी है कि क्या सर्दियां इस बार वक्त से पहले दस्तक देंगी। मौसम की मार मणिमहेश यात्रा पर भी पड़ी है।
भारी बारिश और बर्फबारी के कारण कई यात्री रास्तों में फंसे हुए हैं। आपदा प्रबंधन टीम ने कुगती, गैधर, हनुमान शिला और झील क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन खराब मौसम के चलते अभियान रोकना पड़ा और टीम को वापस लौटना पड़ा।
मौसम विभाग ने आज के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में आज भी भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट रहेगा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रदेश में 7 सितंबर तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार, आज कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट है। 3 सितंबर को शिमला, सिरमौर और किन्नौर जिलों के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोगों से अपील की गई है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
लैंडस्लाइड के चलते कालका-शिमला रेलवे ट्रैक को भारी नुकसान हुआ है। कोटी से कनोह रेलवे स्टेशन के बीच कई जगहों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे रेलवे लाइन बाधित हो गई है। रेलवे प्रशासन ने 5 सितंबर तक इस रूट की सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया है।
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भूस्खलन और बाढ़ की वजह से सोमवार सुबह तक प्रदेश की 793 सड़कें ठप रहीं, जिनमें तीन नेशनल हाईवे भी शामिल हैं। बिजली व्यवस्था भी प्रभावित हुई है, जहां 2,174 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं और 365 जल आपूर्ति योजनाएं ठप हो चुकी हैं। चंबा, मंडी, सिरमौर, और कुल्लू जैसे जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान सामने आया है। चंबा जिले में ही 253 सड़कें बंद हैं।
20 जून से अब तक के मानसून सीजन में प्रदेश ने अभूतपूर्व नुकसान झेला है। अब तक कुल 320 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 379 लोग घायल हुए हैं। इस दौरान 40 लोग लापता हैं। सड़क हादसों, भूस्खलनों, बाढ़ और मकान गिरने की घटनाओं में राज्य को अब तक करीब 3,05,684.33 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। इस त्रासदी में 4,569 घर व दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं, वहीं 1,885 पालतु पशुओं की जान गई है।