#विविध
July 10, 2025
श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना, देश के अलग-अलग कोने से पहुंचे श्रद्धालु
बिना किसी परेशानी के यात्रा पूरी कर पाएंगे श्रद्धालु
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में स्थित श्रीखंड महादेव यात्रा का पहला जत्था आज सुबह पांच बजे रवाना कर दिया गया है। भोले के भक्तों ने बम बम भोले के जयकारों के साथ यात्रा की शुरुआत की। यह जत्था दो दिन बाद यानी 12 जुलाई, शनिवार को श्रीखंड पहुंचेगा।
हर साल की तरह इस बार भी भक्तों की आस्था उमड़ने को तैयार है। यात्रा को लेकर भक्तों में काफी उत्साह नजर आ रहा है। हर साल सावन मास में आयोजित होने वाली यह यात्रा शिव भक्तों के लिए आध्यात्मिक आस्था और साहस की परीक्षा मानी जाती है।
इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना हो- इसके लिए प्रशासन की ओर से हर सुविधा मुहैया करवाई गई है। रास्ते में जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया गया है। साथ ही पांच जगह पर श्रद्धालुओं के ठहरने और स्वास्थ्य जांच के लिए बेस कैंप बनाए गए हैं।
प्रशासन ने यात्रा के दौरान मिलने वाले खाने-पीने की चीजों और रहने के लिए बिस्तरों के दाम भी तय कर दिए हैं। दरअसल, यात्रा के दौरान कुछ दुकानदार लोगों से चीजों के ज्यादा दाम वसूलते हैं। ऐसे में लूट पर लगाम लगाने के लिए चीजों के यह दाम श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट निरमंड द्वारा लागू किए गए हैं। उम्मीद है कि प्रशासन के इस फैसले से यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा पूरी कर पाएंगे।
जानकारी देते हुए यात्रा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और निरमंड के SDM मनमोहन सिंह ने बताया कि चीजों के रेट श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट निरमंड और प्रशासन ने मिलकर तय किए हैं। अगर कोई भी दुकानदार इसका उल्लंघन करता हुआ नजर आया तो उसके खिलाप सख्त कार्रवाई की जाएगी और उसको जुर्माना भरना पड़ेगा।
श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट निरमंड द्वारा जारी रेट लिस्ट के अनुसार यात्रों के पड़ावों के आधार पर चीजों के पैसे वसूले जाएंगे। जैसे कि-
पार्वती बाग : ₹290
भीम डवारी : ₹270
काली घाटी और कुंशा : ₹230
थाचडू : ₹200
बराटी नाला : ₹130
बेस कैंप सिंहगाड : ₹110
SDM निरमंड मनमोहन शर्मा के अनुसार, श्रद्धालुओं को इस बार 250 रुपये पंजीकरण शुल्क देना होगा और हर दिन अधिकतम 800 श्रद्धालुओं को ही श्रीखंड यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाएगी। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन केवल रेयर मामलों में ही मिलेगा।
श्रीखंड यात्रा में श्रद्धालुओं को कुल 32 किलोमीटर पैदल चढ़ाई करनी होती है। इस यात्रा के दौरान 4 ग्लेशियर, चट्टानी पहाड़, और ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ता है। पार्वती बाग के आगे ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो जाती है, जिससे कई यात्रियों को बीच से लौटना पड़ता है।
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि श्रीखंड की चोटी पर भगवान शिव शिला रूप में 72 फीट ऊंचे शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। वहां पहुंचकर परिक्रमा और पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
यात्रा के लिए यात्री रामपुर (शिमला) से होकर निरमंड, बागीपुल और फिर जाओ तक वाहन से पहुंचते हैं। इसके बाद पैदल यात्रा शुरू होती है। यात्रा मार्ग पर 5 बेस कैंप बनाए गए हैं। यहां मेडिकल स्टाफ, रेस्क्यू टीमें, पुलिस, और ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध रहेगी-
यात्रा के मार्ग में पार्वती बाग के फूल, नैन सरोवर, भीम बही, भीम द्वार, थाचड़ू, और बराटी नाला जैसे अद्भुत प्राकृतिक दृश्य श्रद्धालुओं को भक्ति और प्रकृति के संगम का अनुभव कराते हैं। रास्ते में कई तरह की जड़ी-बुटियां भी हैं। इस यात्रा में जम्मू, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचते हैं।