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December 26, 2025

हिमाचल : बेबस पिता का छलका दर्द- विदेश में कंपनी ने बेटे को बनाया है बंदी, सालों से नहीं लौटा घर

कंपनी नहीं लौटा रही पासपोर्ट- कुवैत में फंसाया युवक

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Rajan Kumar Panjawar Stuck Kuwait Una Himachal Indian Ambassy

ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है। यहां हरोली क्षेत्र के पंजावर गांव का युवक राजन कुमार आज अपने ही सपनों की कीमत चुका रहा है। बेहतर भविष्य और रोजी-रोटी की उम्मीद में विदेश गया राजन पिछले करीब एक साल से कुवैत में फंसा हुआ है।

विदेश में फंसा गांव का बेटा

हालात ऐसे बन गए हैं कि कभी परिवार की मदद के लिए बाहर निकला यह युवक अब अपना गुजारा चलाने के लिए घर से पैसे मंगवाने को मजबूर है। कंपनी ना तो उसे उसका पासपोर्ट लौटा रही है और ना ही घर आने की अनुमति दे रही है।

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ड्राइवर की मिली नौकरी

जानकारी के अनुसार, राजन कुमार पुत्र सुभाष चंद कुवैत की ब्रिक्स डिलीवरी कंपनी में चालक के तौर पर कार्यरत था। शुरुआती दिनों में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन दिसंबर 2024 में एक सड़क हादसे ने उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी।

किस्मत ने दिया धोखा

कंपनी की गाड़ी चलाते समय उसकी गाड़ी की टक्कर एक अन्य वाहन से हो गई। हादसे के बाद कंपनी ने सहयोग करने के बजाय सारा बोझ राजन पर डाल दिया। आरोप है कि कंपनी ने गाड़ी की मरम्मत और इंश्योरेंस के नाम पर उससे पैसे वसूल लिए और इसके तुरंत बाद उसे नौकरी से निकाल दिया।

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न नौकरी, न पासपोर्ट, न घर लौटने की अनुमति

राजन की मुश्किल यहीं खत्म नहीं हुई। कंपनी ने न तो उसे छुट्टी दी और न ही उसका पासपोर्ट वापस किया। जब राजन ने भारत लौटने की बात कही तो कंपनी ने साफ शब्दों में कह दिया कि जब तक गाड़ी की पूरी मरम्मत का मामला निपट नहीं जाता, तब तक वह घर नहीं जा सकता। बिना नौकरी, पासपोर्ट और बिना किसी आय के राजन कुवैत में फंसा हुआ है मजबूरी में राजन को परिवार से पैसे मंगवाकर रहने-खाने का इंतजाम करना पड़ा।

 

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लेबर कोर्ट ने दी मंजूरी

लगातार परेशानियों से तंग आकर राजन ने कुवैत की लेबर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद राजन को भारत लौटने की अनुमति दे दी। यह फैसला उसके लिए उम्मीद की एक किरण बनकर आया।

कंपनी ने चली चाल

मगर जिस दिन राजन की भारत वापसी तय थी, उसी दिन कंपनी ने उनके खिलाफ नया केस दर्ज करवा दिया। इसके चलते उनका पासपोर्ट फिर से रोक लिया गया और उसकी वापसी एक बार फिर अधर में लटक गई।

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परिवार पर बढ़ा आर्थिक बोझ

पिछले एक साल से राजन पूरी तरह बेरोजगार है। विदेश में फंसे होने के कारण न वे काम कर पा रहा है और न ही घर लौट पा रहा है। परिवार की हालत भी दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। घर से भेजे जा रहे पैसों के सहारे ही उसका जीवन चल रहा है।

बेबस पिता ने मांगी मदद

राजन के पिता सुभाष चंद का कहना है कि कंपनी जानबूझकर उनके बेटे का पासपोर्ट नहीं लौटा रही, ताकि वह भारत वापस न आ सके। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक गरीब परिवार को मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ने की कोशिश है।

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बेटे को घर लौटा दो

सुभाष चंद ने केंद्र सरकार, विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास से मदद की अपील की है। उनका कहना है कि दूतावास के हस्तक्षेप के बिना उनका बेटा सुरक्षित भारत नहीं लौट सकता।

विदेश में लाचार बना बेटा

परिवार ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से भी इस मामले को गंभीरता से लेने की अपील की है। उनका कहना है कि एक मेहनतकश युवक जो ईमानदारी से रोजगार कमाने गया था, आज विदेश में बेबस और लाचार बना हुआ है। परिजनों की मांग है कि सरकार और प्रशासन पहल कर कुवैत में फंसे राजन कुमार को जल्द से जल्द सुरक्षित उसके घर और अपनी मिट्टी तक वापस लाए।

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