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December 26, 2025

PM मोदी तक पहुंचा IGMC डॉक्टर मामला- आज CM के फैसले पर टिकी निगाहें, हड़ताल की चेतावनी

डॉक्टर बोले– एक तरफा कार्रवाई से टूटा भरोसा

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igmc shimla

शिमला हिमाचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल IGMC शिमला में मरीजडॉक्टर विवाद अब केवल एक अनुशासनात्मक कार्रवाई तक नहीं रह गया है, बल्कि यह पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए चेतावनी बनता जा रहा है। एक डॉक्टर की टर्मिनेशन के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों में गहरा असंतोष है, जो अब सामूहिक छुट्टी और संभावित अनिश्चितकालीन हड़ताल की ओर बढ़ रहा है। इसका सीधा असर आज प्रदेश भर के मरीजों पर पड़ने वाला है। अब इस पूरे मामले की खबर दिल्ली तक भी पहुंच गई है।

PM मोदी को लिखा पत्र, निष्पक्ष जांच की मांग

इस पूरे प्रकरण में IGMC के एक डॉक्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि मामले की जांच जल्दबाजी में की गई और सभी पक्षों को सुने बिना सख्त फैसला ले लिया गया।

 

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आज की बैठक पर टिकी निगाहें

डॉक्टरों और सरकार के बीच बढ़ते टकराव के बीच अब सभी की नजरें RDA और CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच होने वाली बैठक पर टिकी हैं। यदि इस बैठक में कोई ठोस समाधान नहीं निकला, तो रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता भी चुन सकते हैं।

सामूहिक छुट्टी पर IGMC के रेजिडेंट डॉक्टर

IGMC की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA) ने शुक्रवार को एक दिन की सामूहिक छुट्टी पर जाने का फैसला लिया है। इसके चलते आज OPD सेवाएं पूरी तरह बाधित रहेंगी और निर्धारित सर्जरी नहीं हो पाएंगी। अस्पताल में केवल इमरजेंसी सेवाएं ही संचालित की जाएंगी।

 

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HMOA और अन्य संगठनों का समर्थन

रेजिडेंट डॉक्टरों के इस फैसले को हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (HMOA) का भी समर्थन मिल गया है। HMOA के महासचिव विकास ठाकुर ने साफ कहा है कि अगर डॉक्टरों की मांगों को अनदेखा किया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा

एक दिन में जांच की कही बात

स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (SAMDCOT) ने भी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। महासचिव डॉ. पियूष कपिला ने कहा कि जांच रिपोर्ट में डॉक्टर और मरीज दोनों को दोषी बताया गया, लेकिन कार्रवाई सिर्फ डॉक्टर पर की गई। उनका कहना है कि न तो क्रॉस एग्जामिनेशन का मौका दिया गया और न ही यह जांचा गया कि विवाद की शुरुआत कहां से हुई।

 

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वायरल वीडियो पर उठे सवाल

डॉ. पियूष कपिला ने यह भी सवाल उठाया कि वायरल वीडियो अधूरा है और पूरी घटना उसमें नहीं दिखती। भीड़ को उकसाने और धमकी देने वालों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जो जांच की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।

22 दिसंबर की घटना से शुरू हुआ विवाद

गौरतलब है कि 22 दिसंबर को IGMC शिमला में एक मरीज और डॉ. राघव निरूला के बीच मारपीट की घटना सामने आई थी। वायरल वीडियो में दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हमला करते नजर आए थे। इसके बाद CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिसके बाद डॉक्टर की टर्मिनेशन हुई।

 

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पुलिस जांच भी जारी, CCTV नहीं मिला

मामले में मरीज की शिकायत पर पुलिस अलग से जांच कर रही है। हालांकि अस्पताल परिसर का CCTV फुटेज उपलब्ध नहीं हो पाया है। पुलिस अब उस व्यक्ति से मूल वीडियो हासिल करने की कोशिश कर रही है, जिसने घटना रिकॉर्ड की थी।

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