#विविध
December 26, 2025
हिमाचल : मां-बेटी को बचाने के चक्कर में बुरे फंसे हेडमास्टर, सांड ने 20 मिनट तक पेड़ पर लटकाए रखा
घर से सैर करने निकले थे हेडमास्टर, जा*न पर बनी बात
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में एक हेडमास्टर को ऐसी सजा मिली- जिसे वो कभी अपने जीवन में नहीं भूल पाएंगे। दरअसल, हेडमास्टर को एक लावारिस सांड ने करीब 20 मिनट तक पेड़ पर लटकाए रखा।
पंचरुखी क्षेत्र की पंचायत लदोह में लावारिस सांड के अचानक आक्रामक हो जाने से एक स्कूल के हेडमास्टर को अपनी जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ा। सांड की आक्रामकता इतनी ज्यादा थी कि वह लगातार पेड़ को टक्कर मारता रहा, जिससे करीब 20 मिनट तक हेडमास्टर की सांसें अटकी रहीं।
जानकारी के अनुसार, लदोह पंचायत स्थित एक स्कूल के मुख्याध्यापक रोज़ की तरह शाम के समय टहलने के लिए निकले थे। इसी दौरान रास्ते में एक स्थान पर किसी ग्रामीण ने अपनी गाय खूंटे से बांध रखी थी। वहां पहले से ही एक लावारिस सांड घूम रहा था, लेकिन उस समय वह शांत दिखाई दे रहा था।
कुछ देर बाद गाय की मालकिन महिला अपनी छोटी बच्चियों के साथ गाय को घर ले जाने के लिए वहां पहुंचीं। उन्होंने सांड की मौजूदगी पर विशेष ध्यान नहीं दिया। जैसे ही गाय को खूंटे से खोला गया, अचानक सांड बेकाबू हो गया और महिला व बच्चियों की ओर झपट पड़ा।
महिला और बच्चियों पर सांड को टूटता देख वहां से गुजर रहे हेडमास्टर तुरंत उनकी मदद के लिए आगे आए। उन्होंने पत्थरों और डंडों की मदद से सांड को डराकर महिला और बच्चियों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाल लिया। उनकी सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।
हालांकि, इसके बाद सांड और ज्यादा आक्रामक हो गया और उसने अपना रुख हेडमास्टर की ओर कर लिया। सांड के तेवर देख हेडमास्टर के पास जान बचाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।
अपनी जान बचाने के लिए हेडमास्टर भागकर पास ही एक पेड़ पर चढ़ गए। सांड ने पेड़ के नीचे पहुंचकर लगातार टक्कर मारनी शुरू कर दी। स्थिति इतनी भयावह थी कि सांड करीब 20 मिनट तक पेड़ को मारता रहा। इस दौरान हेडमास्टर ऊपर बैठे अपनी जान बचने की दुआ करते रहे। घटना स्थल पर कुछ देर के लिए कोई मदद मौजूद नहीं थी, जिससे उनकी मुश्किल और बढ़ गई।
करीब 20 मिनट बाद वहां से गुजर रहे एक राहगीर की नजर इस घटना पर पड़ी। उसने शोर मचाया और सांड को भगाने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद सांड वहां से दूर गया, तब जाकर मुख्याध्यापक नीचे उतर पाए। इस दौरान वे बुरी तरह घबराए हुए थे।
घटना के बाद क्षेत्र में लावारिस पशुओं को लेकर लोगों का गुस्सा सामने आया है। पंचायत के पूर्व प्रधान सुरेश ठाकुर ने बताया कि इलाके में लावारिस पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालात ऐसे हैं कि लोग खेती करना तक छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सांड और अन्य आवारा पशु खेतों में फसलें तबाह कर रहे हैं और अब राह चलते लोगों की जान पर भी बन आई है। प्रशासन से कई बार शिकायतें की गई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि लावारिस पशुओं को पकड़ने और सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए जल्द ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।