#विविध
September 10, 2025
हिमाचल आपदा : लोगों का दुख सुन भर आई PM मोदी की आंखें, दो मिनट तक हुए मौन
आपदा प्रभावितों का दर्द जान भावुक हुए PM मोदी
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद मंगलवार का दिन पूरे प्रदेश के लिए खास रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांगड़ा हवाई अड्डे पहुंचे और यहां उन्होंने सबसे पहले आपदा पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। यह केवल एक औपचारिक भेंट नहीं थी, बल्कि एक ऐसा क्षण था जिसने हर किसी का दिल छू लिया।
आपदा में माता-पिता और दादी को खो चुकी सिर्फ एक साल की नितिका को जब PM मोदी के सामने लाया गया तो माहौल भावुक हो गया। PM मोदी ने बच्ची को दुलारा, उसे अपनी गोद में उठाया और लंबे समय तक पुचकारते रहे।
जैसे ही उन्हें पता चला कि बच्ची अब अपनी बुआ के पास रह रही है, उनकी आंखें नम हो गईं। बच्ची को वापस देने के बाद PM मोदी कुछ देर तक मौन बैठे रहे और किसी से कोई बात नहीं की। इस दृश्य ने वहां मौजूद सभी प्रभावितों को भी भावुक कर दिया।
PM मोदी के सामने जब प्रभावित लोग पहुंचे तो अपने-अपने घावों को साझा करते हुए कई बार उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। चंबा के संजय कुमार ने बताया कि उनके घर के ऊपर चट्टान गिरने से बेटी और दामाद की मौत हो गई। उनका पूरा घर जमींदोज हो गया और अब वे पंचायत घर में रह रहे हैं।
कुल्लू के सुरेंद्र सिंह ने कहा कि ब्यास नदी की बाढ़ में उनकी आठ बीघा जमीन बह गई। करीब 300 फलदार पौधे और 200 पेड़ नदी में समा गए। पीएम ने उन्हें भरोसा दिलाया कि केंद्र और प्रदेश मिलकर सुरक्षा दीवार और अन्य उपाय करेंगे।
मंडी की कृष्णा देवी ने रोते हुए कहा कि बरपी आपदा में उन्होंने बेटे, बहू और पोते को खो दिया। अब परिवार में केवल बहू और छोटे-छोटे बच्चे बचे हैं। उन्होंने PM मोदी से बहू को नौकरी देने की मांग रखी। इस पर PM मोदी ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
PM मोदी ने हर पीड़ित की बात बड़े ध्यान से सुनी और उन्हें आश्वस्त किया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पुनर्वास और पुनर्निर्माण का पूरा प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा कि जिनके घर और जमीन आपदा में प्रभावित हुए हैं, उन्हें दोबारा बसाने का काम सरकार करेगी। जिनको अब तक कोई राहत नहीं मिली है, उन्हें जल्द राहत राशि दी जाएगी।
PM मोदी की यह मुलाकात प्रभावित परिवारों के लिए भावनात्मक सहारा बनी। नन्हीं बच्ची से लेकर बुजुर्ग तक, सभी ने अपने-अपने दुख प्रधानमंत्री से साझा किए। लोगों को उम्मीद है कि उनकी समस्याएं अब केवल सुनी ही नहीं जाएंगी, बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस कदम भी उठाए जाएंगे।