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February 11, 2025

हिमाचल के वृद्धाश्रम में रह रही थी बुजुर्ग महिला, पांच साल बाद मिला परिवार

परिवार को देख भावुक हुई बुजुर्ग, नहीं थम रहे थे आंसू

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Mandi News

मंडी। किसी ने क्या खूब लिखा है कि आंगन की जो रौनक था, वो परछाई बन कहीं खो गया। मगर किस्मत ने ऐसा चमत्कार किया, कि बिछड़ा हुआ फिर से अपना हो गया। ऐसा ही कुछ मंडी जिले में एक बुजुर्ग महिला के साथ हुआ है- जो कि पांच साल अपने परविरा से मिली है।

5 साल पहले हुई थी लापता

बुजुर्ग महिला पांच साल से हिमाचल में रह रही थी। मगर असल में वो कहां की रहने वाली थी इस बात का कुछ अता-पता नहीं चल पा रहा था। मगर कहते हैं ना जब किस्मत करवट लेती है तो वो कई चमत्कार करती है।

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अब बुजुर्ग महिला को मिला परिवार

दरअसल, अब पांच साल बाद बुजुर्ग महिला अपने परिवार से मिली है। मंडी जिला प्रशासन ने मानवता और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए परिवार से बिछड़ी बुजुर्ग महिला को पांच साल बाद उसके परिवार से मिलवाया है।

वृद्धाश्रम में रह रही थी बेचारी

बताया जा रहा है कि मंडी प्रशासन ने तय किया है कि वो जिले में रह रहे बाहरी लोगों को उनके परिवारों ने मिलवाएंगे। इसी के तहत उन्होंने भंगरोटू वृद्धाश्रम में रह रही बुजुर्ग महिला की डिटेल खंगाली। जिसमें पता चला कि महिला अक्टूबर 2021 में बिलासपुर पुलिस को मिली थी। भंरोटू वृद्धाश्रम से पहले महिला मशोबरा और चलखा आश्रम में रह चुकी है। अब वो साल 2023 के सितंबर महीने से भंगरोटू वृद्धाश्रम में रह रही है।

 

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भाषा बनी बाधा

बुजुर्ग महिला को हिंदी नहीं आती थी। ऐसे में महिला की जानकारी जुटाने में काफी दिक्कत हो रही थी। मगर प्रशासन ने हार नहीं मानी और उसकी भाषा को समझने के लिए प्रशासन ने NHAI के अधिकारियों के माध्यम से हिमाचल में काम कर रहे पश्चिमी बंगाल के लोगों की मदद ली।

मजदूरों ने की मदद

मजदूरों से बात कर महिला ने बताया कि उसका नाम-पता सब बताया। इस दौरान पता चला कि महिला पदमा मुर्मू (65) पश्चिम बंगाल के हुगली जिला स्थित आसनपुर गांव की रहने वाली है। उसके दो बच्चे भी हैं और उसका बेटे से झगड़ा हुआ था। मगर इस बात का पता नहीं चल पाया कि वो हिमाचल कैसे पहुंची।

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इतनी जानकारी मिलते ही DC मंडी अपूर्व देवगन ने तुरंत हुगली जिला प्रशासन से संपर्क किया और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद हुगली प्रशासन ने सारी जानकारी को वेरीफाई कर पदमा को लाने के लिए अपने अधिकारी और कर्मचारियों को हिमाचल प्रदेश भेजा।

 

जांच में पाया गया कि पदमा मुर्मू अपने भाई और परिजनों के साथ रहती थी। कुछ साल पहले वो अपने गांव से बर्धमान चली गई और वहां से शायद ट्रेन के माध्यम से हिमाचल पहुंच गई। परिजनों ने पदमा की गुमशुदगी की सूचना भी पुलिस को दी थी। मगर पदमा का कुछ पता नहीं चल पाया था। वहीं, अब मंडी प्रशासन ने पदमा को सही-सलामत उसके परिवार को सौंपा है।

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नहीं थमें पदमा के आंसू

आपको बता दें कि बीते कल DC मंडी अपूर्व देवगन ने पदमा मुर्मू को उसे भतीजे बबलू मुर्मू और पश्चिम बंगाल से आए अधिकारियों-कर्मचारियों के हवाले कर दिया। इस दौरान DC मंडी ने पश्चिम बंगाल से आए अधिकारियों को शॉल टोपी पहनाकर सम्मानित भी किया। पदमा अपने भतीजे को देखते ही भावुक हो गई। उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। आज पदमा पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो जाएगी।

हर तरफ हो रही सराहना

विदित रहे कि, हाल ही में हिमाचल से ऐसे ही कई मामले सामने आए हैं- जब प्रशासन, पुलिस और स्थानीय लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की है और बिछड़े लोगों को उनके परिवार से मिलवाया है। मंडी प्रशासन ने हाल ही में कर्नाटक की साकम्मा को 25 वर्षों के बाद उसके परिवार से मिलवाया था। प्रशासन की बिछड़े लोगों को परिवार से मिलवाने की मुहिम की हर तरफ सराहना हो रही है।

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