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July 7, 2025

सांसद कंगना की ऑन कैमरा फजीहत : महिला बोली- फोटो खिंचाने आई हो क्या ?

'ऐसा थोड़ी होता है- दो आदमी पकड़ो, फोटो खिंचाओ और चलते बनो'

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Kangana Ranaut

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में रविवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचीं भाजपा सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को एक महिला के गुस्से का सामना करना पड़ा।

कंगना पर भड़की महिला

आपदा के कारण हुई तबाही से परेशान महिला ने नाराजगी जताते हुए कंगना से कहा, "अब सिर्फ फोटो खिंचाने आई हो क्या? ऐसा थोड़ी होता है...दो आदमी पकड़े, फोटो खिंचवाया और निकल लिए?"

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सारे कंगना-कंगना करते हैं

इस तीखे सवाल के जवाब में कंगना रनौत ने भी तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "सारे लोग कंगना-कंगना बोलते हैं, लेकिन मेरे पास न तो कोई कैबिनेट है और न ही कोई राहत कोष आता है। मेरे पास मेरे दो भाई हैं जो मेरे साथ चलते हैं। मैं स्पेशल पैकेज लाऊंगी, लेकिन वो भी कांग्रेस सरकार डकार जाएगी।"

16 बादल फट चुके, 14 मौतें और 28 लोग लापता

बता दें कि 30 जून की रात से मंडी में आपदा की स्थिति बनी हुई है। अब तक 16 जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 28 लोग अब भी लापता हैं। पहली बार रविवार को सांसद कंगना रनोट आपदा प्रभावित क्षेत्र सराज के दौरे पर पहुंचीं।

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सोशल मीडिया पर हुई थीं ट्रोल

कंगना रनौत इससे पहले सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही थीं। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा था कि- "मैं मंडी का दौरा कर रही थी, तभी मेरी गाड़ी पर पत्थर गिरा। अभी हिमाचल में ट्रैवल करना सुरक्षित नहीं है।"

शुरू हुआ राजनीतिक घमासान

इस पोस्ट के बाद लोगों ने सवाल उठाए कि वो अपनी लोकसभा सीट के बाढ़ पीड़ितों से मिलने क्यों नहीं गईं? जब इस पूरे घटनाक्रम पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से सवाल किया गया, तो फिर जयराम ठाकुर के बयान के बाद राजनीतिक घमासान शुरू हुआ। जयराम ने कहा "मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है। मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता। हम उन लोगों के साथ हैं, जिनका कन्सर्न है। जिनका नहीं है, उनके बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।"

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जयराम ठाकुर ने किया मन

जयराम ठाकुर के इस बयान पर कंगना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने मंडी और सराज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने की कोशिश की थी, लेकिन जयराम जी ने ही सलाह दी थी कि जब तक सड़कें बहाल न हों, तब तक इंतजार करना बेहतर होगा।

पिछले साल भी देर से पहुंची थीं कंगना

उल्लेखनीय है कि ये पहला मौका नहीं है जब आपदा के दौरान कंगना रनौत की मौजूदगी पर सवाल उठे हों। पिछले साल 31 जुलाई को भी शिमला, कुल्लू और मंडी में बादल फटने से 51 से ज्यादा लोग मारे गए थे। उस समय भी कंगना कई दिनों तक प्रभावित क्षेत्रों में नहीं पहुंचीं।

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सुक्खू सरकार ने मुझे रोका

उस वक्त कंगना ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि मैंने विधायकों और DC से बात की, उन्होंने यात्रा न करने की सलाह दी थी। कई जगह रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी था।" बाद में जब वह प्रभावित इलाकों में पहुंचीं, तो कहा सुक्खू सरकार ने मुझे वहां जाने से रोका।

मदद के लिए नहीं चाहिए होती कुर्सी

कंगना के "मेरे पास कोई कैबिनेट नहीं" वाले बयान पर PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने तंज कसते हुए फेसबुक पर लिखा किसी की मदद करने के लिए कुर्सी की जरूरत नहीं होती। कैबिनेट हो या न हो, दृढ़ इच्छाशक्ति होना जरूरी है। दुख हुआ देखकर कि कैसे इस गंभीर विषय का उपहास उड़ाया जा रहा है।

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सिर्फ दिखावा या जमीनी जुड़ाव?

सराज की महिला की प्रतिक्रिया आज हजारों लोगों की भावना को शब्द दे गई। लोगों का कहना है कि आपदा में केवल सोशल मीडिया पोस्ट या दौरे की फोटो काफी नहीं होतीं, जरूरी है सच्चा जुड़ाव और समय पर मदद।

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