#विविध
July 7, 2025
हिमाचल : कुछ कदम की दूरी पर था अस्पताल, सड़क थी बंद- महिला ने रास्ते में ही दिया बच्चे को जन्म
जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ- डॉक्टरों की निगरानी में दोनों
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शिमला। हिमाचल में मानसून ने दस्तक देते ही कई इलाकों में तबाही मचा दी है। ऐसे में बहुत सारी जगहों पर भारी बारिश के कारण सड़कों की हालत खराब हो गई है- जिससे लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। मगर आसमान तले जब मां की ममता हौसला बन गई, तो किस्मत भी झुक गई, जिंदगी मुस्कुरा उठी। ऐसा ही एक मामला राजधानी शिमला के ठियोग उपमंडल से सामने आया है।
यहां पर एक महिला ने सड़क किनारे पथरीली जमीन पर बच्चे को जन्म दिया है। नवजात बच्चा और मां पूरी तरह से स्वस्थ है। फिलहाल, दोनों अभी अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में हैं।
बता दे कि जिस जगह पर महिला ने बच्चे को जन्म दिया है- उस जगह से अस्पताल महज कुछ कदम की दूरी पर ही था। मगर रास्ता टूटा होने के कारण महिला वहां तक नहीं पहुंच पाई और उसने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
यह महिला ठियोग की कीट पंचायत में एक स्थानीय व्यक्ति के पास काम करती है। रविवार सुबह उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। घर के मालिक ने तुरंत उसे अपनी गाड़ी में अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन बिजली बोर्ड ऑफिस के पास सड़क टूटी होने के कारण सीधा रास्ता बंद था।
हालात ऐसे थे कि अस्पताल महज 100 मीटर की दूरी पर था, लेकिन वाहन वहां नहीं पहुंच सकता था। स्थानीय व्यक्ति ने गाड़ी को बाईपास से मोड़कर लाने की बात कही और महिला को उसके साथ आई एक अन्य महिला के साथ वहीं छोड़ दिया।
अस्पताल से कुछ ही दूरी पर, खुले आसमान के नीचे, महिला की प्रसव पीड़ा इतनी तेज हो गई कि वहीं सड़क पर ही बच्चे का जन्म हो गया। साथ आई महिला ने बेहद कठिन परिस्थिति में साहस दिखाते हुए उसका प्रसव करवाया।
उसी समय, वहां से गुजर रहे एक बाइक सवार युवक ने हालात को भांपकर तुरंत अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को सूचना दी। बिना किसी देरी के, आपातकालीन विभाग की दो नर्सें वहां पहुंच गईं।
दोनों नर्सें बिना समय गंवाए अपने साथ लाए कंबल में जच्चा-बच्चा को संभाला और सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया। ठियोग सिविल अस्पताल में मां और नवजात का इलाज तुरंत शुरू किया गया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, दोनों की हालत अब स्थिर और सुरक्षित है।
इस पूरे घटनाक्रम में जिस धैर्य और तत्परता का परिचय नर्सों ने दिया, वह वाकई प्रशंसनीय है। उन्होंने न केवल अपनी प्रोफेशनल जिम्मेदारी निभाई, बल्कि संवेदनशीलता और मानवीयता का अनुपम उदाहरण भी प्रस्तुत किया। सिविल अस्पताल ठियोग के प्रभारी डॉ. पवन शर्मा ने पुष्टि की है कि हमें इस तरह की एक आपातकालीन स्थिति की जानकारी मिली थी। ड्यूटी पर तैनात नर्सों ने बिना देर किए मौके पर पहुंचकर महिला और नवजात को अस्पताल लाया। दोनों की हालत अब ठीक है और उन्हें देखरेख में रखा गया है।
विदिर रहे कि, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में 243 सड़कें और 278 पेयजल योजनाएं प्रभावित है-, जिससे हजारों लोगों को पीने के पानी की भारी दिक्कत हो रही है। जानिए किस जिले में कितनी सड़कें और ट्रांसफार्मर अवरुद्ध हैं-