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July 7, 2025
हिमाचल में लिए अगले 48 घंटे भारी, आसमान से बरसेगी आफत- 10 जिलों में आरेंज अलर्ट जारी
शिमला, धर्मशाला समेत कई जगहों पर आज खिली है धूप
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून पूरी ताकत के साथ सक्रिय हो चुका है। मौसम विभाग ने आज सोमवार के लिए राज्य के 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसी बीच राजधानी शिमला और धर्मशाला में आज सुबह से धूप खिली हुई है। मगर मौसम विभाग की मानें तो ये राहत कुछ समय के लिए ही है। सूबे के कुछ इलाके के लोगों के लिए अगले 48 घंटे कठिन होने वाले हैं।
मौसम विभाग ने सिर्फ किन्नौर और लाहौल-स्पीति को इस चेतावनी से बाहर रखा गया है। जबकि, सूबे के बाकि जिलों में भारी बारिश, भूस्खलन, नदियों-नालों में उफान, पेड़ों के गिरने और निचले इलाकों में जलभराव की आशंका जताई गई है। इससे लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
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आपको बता दें कि शिमला में सुबह से मौसम साफ है और धूप खिली हुई है, लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक यह राहत कुछ समय के लिए ही है। प्रदेश के अन्य भागों में भी फिलहाल मौसम सामान्य बना हुआ है, मगर अगले कुछ घंटों में परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं।
मौसम विभाग ने 8 जुलाई (मंगलवार) को ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा और कांगड़ा में फिर से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा। 9 जुलाई को वेस्टर्न डिस्टर्बेंस कुछ हद तक कमजोर पड़ने की संभावना है, लेकिन एहतियात के तौर पर पूरे प्रदेश में येलो अलर्ट लागू किया गया है।
राज्य सरकार और प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सभी जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। DC (जिला उपायुक्तों) द्वारा लोगों से अपील की गई है कि वे पहाड़ी या नदी-नालों के नज़दीक जाने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन ने अब तक 78 लोगों की जान ले ली है। जबकि, 37 लोग अब भी लापता हैं। इससे स्पष्ट है कि हिमाचल में मानसून सिर्फ पानी ही नहीं, जानलेवा खतरे भी लेकर आया है। इनमें-
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30 जून की रात भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने मंडी जिला में तबाही मचा दी। अब तक 14 शव बरामद किए जा चुके हैं, लेकिन 28 लोग अभी भी लापता हैं- जिनकी तलाश में सेना, NDRF और स्थानीय बचाव दल जुटे हुए हैं।
इस आपदा में 225 घर और 243 गौशालाएं पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। बचाव अभियान के तहत सेना ने न सिर्फ मलबे में फंसे लोगों को निकालने का जिम्मा उठाया है, बल्कि अब वह पहाड़ी इलाकों में राशन और जरूरी सामान भी पहुंचा रही है, क्योंकि कई सड़कें पूरी तरह टूट चुकी हैं और आम परिवहन बाधित है।
प्रशासन ने सभी जिलों में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए हैं, राहत शिविर बनाए गए हैं और प्रभावित परिवारों को अस्थाई शरण देने की व्यवस्था की जा रही है। DC, SP और राजस्व विभाग के अधिकारी मैदान में डटे हैं। खासकर स्कूलों के पास, पुलों, नदी किनारों और खतरनाक ढलानों की निगरानी बढ़ा दी गई है। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए मौसम विभाग या जिला प्रशासन के आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें और अफवाहों से दूर रहें।