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July 7, 2025
हिमाचल में बादल फटने से मचा हाहाकार : 78 लोगों ने गंवाया जीवन, 37 मलबे में दफन
आधी रात को आई बाढ़, लोग जान बचाकर भागे
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून की रफ्तार खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच रविवार को प्रदेश के चंबा और मंडी जिलों में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। वहीं, ऊना जिला बाढ़ जैसे हालात झेल रहा है। इन घटनाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मानसून हिमाचल के लिए इस बार सिर्फ राहत नहीं, विनाश का रूप लेकर आया है।
रविवार सुबह चंबा जिला के चुराह क्षेत्र में दो स्थानों पर बादल फटे। पंचायत बघेईगढ़ के कंगेला नाले और टिकरीगढ़ पंचायत के बंधा नाले में बादल फटने से नकरोड़-चांजू मार्ग पर बना पुल बह गया। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने शाम तक वैकल्पिक रास्ता तैयार कर लिया, लेकिन क्षेत्र की संचार और परिवहन व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है।
शनिवार रात 12 बजे मंडी जिले के चौहारघाटी की सिल्हबुधाणी पंचायत के कोरतंग गांव में पहाड़ी पर बादल फटा। इससे भारी मलबा और पानी गांव में घुस गया। चार फुटब्रिज और लोक निर्माण विभाग की एक पुलिया बह गई। सिल्ह, बुधाणी और कोरतंग गांवों की उपजाऊ जमीन बह गई। छह मकान खतरे की जद में हैं। लोगों ने रात के सन्नाटे में पानी और पत्थरों की गूंज सुनते ही घर छोड़ भागकर जान बचाई।
भारी बारिश ने ऊना जिले में हालात बेकाबू कर दिए। कई सड़कें, घर और स्कूल जलमग्न हो गए। नंगल-सलांगड़ी के एक उद्योग में 45 कामगार फंस गए, जिन्हें अग्निशमन विभाग और होमगार्ड ने सुरक्षित बाहर निकाला। झलेड़ा गांव का पेट्रोल पंप पूरी तरह डूब गया। गगरेट क्षेत्र के कई उद्योगों में भी पानी घुस गया, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान बताया जा रहा है।
20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन ने अब तक 78 लोगों की जान ले ली है। जबकि, करीब 290 लोग घायल हुए हैं और 37 लोग अब भी मलबे में कहीं दफन हैं। इन लोगों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। इससे स्पष्ट है कि हिमाचल में मानसून सिर्फ पानी ही नहीं, जानलेवा खतरे भी लेकर आया है। इनमें-
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भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में 243 सड़कें और 278 पेयजल योजनाएं प्रभावित है-, जिससे हजारों लोगों को पीने के पानी की भारी दिक्कत हो रही है। जानिए किस जिले में कितनी सड़कें और ट्रांसफार्मर अवरुद्ध हैं-
मौसम विभाग ने 7 जुलाई को चंबा और कुल्लू में भारी वर्षा का येलो अलर्ट और बाकी जिलों (लाहौल-स्पीति व किन्नौर को छोड़कर) में बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कुछ और स्थानों पर फ्लैश फ्लड की चेतावनी भी दी गई है।
प्रशासन ने सभी जिलों में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए हैं और आपदा प्रबंधन टीमें मौके पर तैनात हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश और लगातार टूटती सड़कें राहत कार्यों में बाधा बन रही हैं। सेना और NDRF भी कुछ जगहों पर राहत अभियान में जुटी है। हालात की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने लोगों से पहाड़ी और जलधाराओं के पास न जाने, और जरूरत पड़ने पर ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण लेने की अपील की है।