#उपलब्धि
July 7, 2025
हिमाचल : दुकानदार का बेटा बना चार्टर्ड अकाउंटेंट, भावुक हुए माता-पिता; छलक पड़े खुशी के आंसू
दुकानदारी कर पिता ने पढ़ाया बेटा- नहीं डाला कभी कोई बोझ
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सिरमौर। कहते है कि पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान होती है, कठिन राहों में भी कामयाबी की पहचान होती है। वंश की मेहनत ने ये साबित कर दिखाया है कि हर मोड़ पर जीत उसी की होती है जो थकता नहीं। वंश की सफलता से नाहन शहर के चौहान का बाग मोहल्ले में जश्न का माहौल है।
दरअसल, यहां के 25 वर्षीय युवा वंश अरोड़ा की CA (चार्टर्ड अकाउंटेंसी) फाइनल परीक्षा में शानदार सफलता। वंश ने न केवल खुद को साबित किया, बल्कि अपने माता-पिता, शिक्षकों और पूरे नाहन क्षेत्र का नाम भी रौशन कर दिया। वंश की सफलता से उनके माता-पिता भावुक हो गए और उनके खुशी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
मई 2025 में आयोजित इस बेहद कठिन परीक्षा में देशभर से 1,42,402 छात्र बैठे थे, जिनमें से सिर्फ 14,247 ही सफल हो पाए। ऐसे में वंश की यह उपलब्धि सिर्फ एक परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि संघर्ष, समर्पण और सच्ची मेहनत की मिसाल बन गई है।
वंश के पिता सुभाष अरोड़ा नाहन में "बिट्टू जनरल स्टोर" नामक दुकान चलाते हैं और माता सिंधु अरोड़ा एक गृहिणी हैं। परिवार भले ही सीमित साधनों वाला रहा हो, लेकिन सपनों की ऊंचाई कभी कम नहीं होने दी गई।
वंश बताते हैं कि उनके पिता ने कभी उनसे दुकान संभालने को नहीं कहा। कभी उन्होंने दुकान का बोझ उन पर नहीं डाला- ताकि वो सिर्फ पढ़ाई पर फोकस कर सकूं। मां ने हर कठिन घड़ी में मुझे हिम्मत दी।
वंश की प्रारंभिक पढ़ाई कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल, नाहन में हुई। इसके बाद उन्होंने 12वीं कक्षा कैरियर एकेडमी, नाहन से कॉमर्स स्ट्रीम में पूरी की। वर्ष 2018 में 12वीं की परीक्षा खत्म होते ही वंश ने सिर्फ तीन दिन बाद चंडीगढ़ जाकर CPT की तैयारी शुरू कर दी। पहले ही प्रयास में CPT पास करने के बाद उन्होंने CA इंटर और फाइनल की तैयारी जारी रखी। इसी दौरान उन्होंने IGNOU से B.Com की डिग्री भी प्राप्त की।
CA की तैयारी आसान नहीं थी, और फिर कोविड-19 और लॉकडाउन ने स्थिति और जटिल बना दी। लेकिन वंश ने हिम्मत नहीं हारी। लगभग दो महीनों तक वंश रोजाना चंडीगढ़ से नाहन आकर आर्टिकलशिप और पढ़ाई जारी रखते रहे। जहां बाकी छात्र ऑनलाइन पढ़ाई में रुचि खोने लगे, वंश ने अपने लक्ष्य की ओर आंखें गढ़ाए रखीं। उनकी यही लगन आज उन्हें उस मुकाम पर ले आई है, जहां पहुंचना हजारों छात्रों का सपना होता है।
वंश अरोड़ा अब आगे किसी प्रतिष्ठित चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म में अनुभव हासिल करना चाहते हैं, ताकि भविष्य में अपना खुद का सीए ऑफिस खोल सकें। वे कहते हैं कि अब मेरी कोशिश है कि मैं सिर्फ एक अच्छा पेशेवर नहीं, बल्कि समाज को कुछ लौटाने वाला इंसान बनूं।