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November 6, 2025
ज्वालामुखी मां की कृपा से कारोबार में आई बरकत, भक्त ने खुशी में अर्पित की करोड़ों की भेंट
पहले भी कई बार मां के दरबार में विशिष्ट दान कर चुका है भक्त
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कांगड़ा। शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में आज श्रद्धा और भक्ति का एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। चंडीगढ़ (पंजाब) से पहुंचे एक श्रद्धालु परिवार ने मां ज्वालामुखी के चरणों में करीब एक किलो सोने से निर्मित पूर्ण आरती का संचय अर्पित किया।
यह सोने की आरती अब प्रतिदिन मां ज्वालामुखी की पांचों समय होने वाली नियमित आरती में उपयोग की जाएगी। परिवार ने बताया कि वर्षों से उनके कारोबार में जो प्रगति और समृद्धि हुई है, वह माता की अखंड कृपा के बिना संभव नहीं थी।
उन्होंने कहा कि मां ज्वालामुखी की बरकत से हमारे परिवार में सुख-शांति भी है और व्यापार में निरंतर उन्नति हो रही है। इसलिए हमारी नेक कमाई का यह हिस्सा मां के चरणों में समर्पित करना हमारा सौभाग्य है।
जानकारी के अनुसार, यह परिवार पुजारी अनिल शर्मा के जजमान हैं और उनके मार्गदर्शन में पहले भी कई बार मां के दरबार में विशिष्ट दान कर चुके हैं। कुछ समय पहले इन्होंने मां ज्वालामुखी की मुख्य ज्योति के बाहर सोने का पत्रा चढ़ाने का कार्य करवाया था, जिसमें मुख्य ज्योति स्थल का आवरण विशेष रूप से स्वर्ण मंडित किया गया था।
मंदिर अधिकारी तहसीलदार मनोहर लाल शर्मा, मंदिर न्यास के सदस्य जितेश शर्मा सहित अन्य कर्मचारियों ने श्रद्धालु परिवार का मंदिर परिसर में विधिवत सम्मान किया। उन्हें माता रानी की चुनरी, प्रसाद और ज्वालामुखी दरबार की पवित्र तस्वीर भेंट की गई।
इस अवसर पर मंदिर न्यास सदस्य जितेश शर्मा ने कहा कि ज्वालामुखी धाम में शताब्दियों से राजाओं, सम्राटों और बड़े व्यापारिक घरानों द्वारा मां ज्वालामुखी को अद्वितीय उपहार अर्पित करने की परंपरा रही है।
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि मुगल सम्राट अकबर यहां नतमस्तक हुए थे। आज भी अनेक उद्योगपति, कारोबारी और संपन्न परिवार मां से मिली कृपा के उपहारस्वरूप बड़े दान और सेवाएं अर्पित करते हैं।
जितेश शर्मा ने विधायक संजय रतन, जिला कांगड़ा के उपायुक्त, एसडीएम ज्वालामुखी और मंदिर प्रशासन से यह आग्रह भी किया कि ऐसे विश्वास और भावना से सेवा करने वाले दानी श्रद्धालुओं की एक अधिकृत सूची तैयार की जाए।
उन्होंने सुझाव दिया कि मंदिर परिसर में एक बड़ा समर्पण-पट्ट या श्रद्धादान-बोर्ड स्थापित किया जाए, जिस पर इन सेवाभावी परिवारों और व्यक्तियों के नाम अंकित हों। उन्होंने कहा कि इससे अन्य श्रद्धालुओं को भी प्रेरणा मिलेगी और मंदिर के विकास कार्यों में जनसहयोग और भी बढ़ेगा।