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May 4, 2025
भारत का पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका, हिमाचल की इस नदी का भी रोक दिया पानी
हिमाचल से निकलने वाली चिनाब नदी का पानी बगलिहार बांध से किया बंद
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नई दिल्ली/शिमला। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कई बड़े फैसले लिए हैं। भारत पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर सबक सिखा रहा है। जिसके तहत भारत ने सबसे पहले 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया। कूटनीति के रूप में पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत का यह सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। अब इसी तरह से भारत ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए हिमाचल प्रदेश से निकलने वाली चिनाब नदी के पानी को भी पाकिस्तान जाने से रोक दिया है।
पीटीआई के हवाले से सामने आई खबर के अनुसार भारत ने हिमाचल प्रदेश से निकलने वाली चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध के माध्यम से पाकिस्तान की ओर जाने वाले चिनाब नदी के पानी को रोक दिया है। भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। वहीं कश्मीर में किशनगंगा बांध के जरिए झेलम नदी का पानी रोकने की प्लानिंग चल रही है।
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बता दें कि जम्मू कश्मीर के रामबन में चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध और उत्तरी कश्मीर में झेलम नदी पर बने किशन गंगा बांध से पाकिस्तान को पानी जाता है। इसी पानी से पाकिस्तान में कृषि और विद्युत उत्पादन होता है। लेकिन अब सिंधु जल संधि सस्पेंड करने के बाद चिनाब नदी का पानी भी बंद करने से पाकिस्तान में सूखा पड़ने के आसार हैं।
चिनाब नदी हिमाचल प्रदेश की बर्फीली चोटियों से निकलती है। चिनाब का उद्गम हिमाचल के लाहौल स्पीति जिला में बहने वाली चंद्रा और भागा नदी के संगम से होता है। यह दोनों नदियां तांदी में मिलती हैं और फिर बनती है चंद्रभागा नदी। यही चंद्रभागा नदी हिमाचल से होते हुए जम्मू कश्मीर में पहुंचती है तो इसका नाम बदलकर चिनाब हो जाता है, जो सीधे कश्मीर की ओर बहती है। इसी चिनाब नदी पर जम्मू कश्मीर के रामबन में बगलिहार बांध बनाया गया है। जहां से इसका पानी पाकिस्तान को जाता है। लेकिन अब भारत ने इस पानी को भी रोक दिया है।
बता दें कि पहलगाम में आतंकियों ने 28 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। आतंकियों ने लोगों से उनका धर्म पूछपूछ कर उन्हें गोली मारी थी। इन आतंकियों का कनेक्शन पाकिस्तान से पाया गया था। इस आतंकी घटना के बाद भारत के सब्र का बांध टूट गया है। भारत अब सीधे सर्जिकल स्ट्राइक ना कर पाकिस्तान को दाने दाने के लिए मोहताज करना चाहता है।
जिसके लिए भारत सरकार ने पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी को ही रोकने का फैसला लिया है। जिसके तहत पहले सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया गया और अब चिनाब नदी का पानी भी रोक दिया गया है। अब भारत झेलम नदी का पानी भी रोकने की तैयारी कर रहा है।
भारत से पाकिस्तान की तरफ बहनें वाली यह नदियां दोनों देशों की जीवन रेखाएं मानी जाती हैं, क्योंकि इन्ही नदियों के पानी से मैदानी क्षेत्रों में लोग खेती करते हैं और बिजली का उत्पादन होता है। लेकिन अब इन नदियों के पानी को रोकने से पाकिस्तान में ना तो कृषि होगी और ना ही बिजली का उत्पादन होगा।
विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था। इसी समझौते के तहत सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी को दोनों देशों के बीच बांटने का फैसला हुआ था। पाकिस्तान सिंधु नदी सिस्टम के करीब 93 फीसदी पानी का इस्तेमाल सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए करता है और पड़ोसी देश की करीब 80 फीसदी कृषि भूमि इसके पानी पर निर्भर करती है।