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September 8, 2025
सुक्खू सरकार का 'हायर ग्रेड-पे' पर यू-टर्न, नहीं कटेगी कर्मचारियों की सैलरी; जानें किन पर लागू होंगे नियम
कर्मचारियों के दबाव में नरम पड़े सरकार के तेवर, नोटिफिकेशन वापसी की उम्मीद
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में हायर ग्रेड.पे को लेकर मचे बवाल के बीच सुक्खू सरकार ने यू.टर्न ले लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ किया है कि जिन कर्मचारियों को पहले से अतिरिक्त वेतन हायर ग्रेड-पे मिल रहा है, उनके वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वित्त विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना में हुई गलती को जल्द ही सुधारा जाएगा। हालांकि, भविष्य में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को यह लाभ नहीं मिलेगा।
सीएम ने कहा कि एक बार कर्मचारियों को दिया गया वेतन सरकार वापस नहीं लेती। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य की भर्तियों में अतिरिक्त इंक्रीमेंट से संबंधित संशोधन लागू हो सकता है, लेकिन वर्तमान कर्मचारी इसके दायरे में नहीं आएंगे।
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विवाद की जड़ उस अधिसूचना में है जिसे राज्य सरकार के वित्त विभाग ने बीते शनिवार को जारी किया था। इस नोटिफिकेशन में हायर ग्रेड-पे के पुराने आदेश को रद्द करते हुए 89 श्रेणियों के कर्मचारियों की सैलरी में 10 से 15 हजार रुपये की कटौती की बात सामने आई। इससे लगभग 12,000 कर्मचारी प्रभावित हो रहे थे। इस निर्णय के विरोध में सोमवार को सचिवालय कर्मचारी संघ सहित कई कर्मचारी संगठनों ने सचिवालय परिसर में प्रदर्शन किया। इसके साथ ही विभिन्न विभागों के कर्मचारी शिमला के पीटरहॉफ स्थित मुख्यमंत्री निवास तक भी पहुंचे जहां उन्होंने सीएम से मुलाकात कर इस फैसले को वापस लेने की मांग की।
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प्रदर्शन के दबाव के बीच मुख्यमंत्री सुक्खू ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि किसी भी कर्मचारी से वेतन की वापसी नहीं की जाएगी और अधिसूचना की त्रुटियों को सुधारा जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी कर्मचारी को वेतन लाभ मिल चुका है, तो उसे वापस नहीं लिया जाता। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को यह लाभ स्वतः नहीं दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 6 सितंबर 2022 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए हायर ग्रेड-पे देने से पहले की दो वर्ष की बाध्यता को हटा दिया था। इस फैसले से हजारों कर्मचारियों के वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई थी। मगर अब कांग्रेस सरकार के नए कदम ने उन्हीं लाभों को सीमित करने की कोशिश की, जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त हो गया।
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि सरकार ने भले ही भरोसा दिलाया है, लेकिन जब तक अधिसूचना को औपचारिक रूप से रद्द नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वहीं एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने इस निर्णय को कर्मचारी विरोधी करार देते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार अपने फैसले से पीछे नहीं हटी, तो कर्मचारी सड़कों पर उतर कर संघर्ष करेंगे।
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार वित्त विभाग की विवादित अधिसूचना को औपचारिक रूप से कब वापस लेती है। फिलहाल मुख्यमंत्री के बयान से आंशिक राहत जरूर मिली है, लेकिन कर्मचारी तब तक संतुष्ट नहीं हैं जब तक अधिसूचना को विधिवत रद्द नहीं कर दिया जाता।