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September 19, 2025
सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला: स्कूलों में छात्रों - शिक्षकों के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर लगाया बैन
छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए जारी किए सख्त निर्देश
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने एक अहम और दूरगामी फैसला लेते हुए प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों के साथ साथ शिक्षकों पर भी मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन, मानसिक स्वास्थ्य और अनुशासन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। शुक्रवार को शिक्षा विभाग की ओर से इस बाबत आधिकारिक आदेश जारी किए गए।
सरकार का मानना है कि मोबाइल फोन का अत्यधिक प्रयोग न सिर्फ छात्रों की पढ़ाई में बाधा बन रहा है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल रहा है। यही नहीं शिक्षकों द्वारा कक्षा में मोबाइल का उपयोग भी शैक्षणिक वातावरण को प्रभावित कर रहा है। इसी को मद्देनज़र रखते हुए यह कठोर लेकिन जरूरी कदम उठाया गया है।
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जारी आदेशों के मुताबिक अब कोई भी छात्र स्कूल में मोबाइल फोन लेकर नहीं आ सकेगा। वहीं, शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कक्षा में पढ़ाने के दौरान अपने मोबाइल फोन स्टाफ रूम में छोड़कर आएं। स्कूल समय के दौरान किसी भी शिक्षक को मोबाइल के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी, सिवाय कुछ विशेष परिस्थितियों के।
शिक्षा निदेशालय ने इस फैसले के पीछे कई अहम कारण बताए हैं। अधिकारियों के अनुसार मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से छात्रों में ध्यान भटकाव, सोशल मीडिया की लत, नींद की कमी, तनाव और सामाजिक अलगाव जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इससे उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
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सरकार ने सिर्फ छात्रों ही नहीं शिक्षकों के लिए भी सख्त दिशा.निर्देश जारी किए हैं। अब शिक्षक स्कूल में प्रवेश करते ही मोबाइल का प्रयोग केवल एक बार हाजिरी लगाने के लिए कर सकेंगे। हिमाचल में सरकारी शिक्षकों की उपस्थिति वीएसके ऐप के माध्यम से ऑनलाइन ली जाती है, जिसके लिए उन्हें छूट दी गई है। इसके बाद मोबाइल को बंद करके स्टाफ रूम में रखना अनिवार्य होगा।
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इस आदेश के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने सभी जिला उपनिदेशकों (डिप्टी डायरेक्टर्स) को औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने सभी स्कूल प्रिंसिपल्स और हेडमास्टर्स को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी छात्र या शिक्षक इन आदेशों की अवहेलना न करे। उल्लंघन की स्थिति में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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सुक्खू सरकार का यह निर्णय राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने,स्कूलों में अनुशासन कायम रखने और छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। विशेषज्ञों की मानें तो यह फैसला बच्चों को डिजिटल डिस्ट्रैक्शन से दूर कर उन्हें पढ़ाई और व्यक्तिगत विकास की ओर मोड़ने में सहायक सिद्ध हो सकता है।