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September 21, 2025

हिमाचल में तीन दिन निकलेगी खिलखिलाती धूप, फिर दोबारा शुरू होगा बारिश का सिलसिला

बारिश रुकने से लोगों ने ली चैन की सांस

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HIMACHAL WEATHER

शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे लोगों के लिए मौसम विभाग से राहत भरी खबर आई है। 21 से 24 सितंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ और शुष्क रहने का पूर्वानुमान है।

चार दिन साफ रहेगा मौसम

इस दौरान न तो बारिश होगी और न ही बादल घिरेंगे। आसमान साफ रहने से दिन में धूप खिली रहेगी, जिससे लंबे समय से चल रहे बरसात के मौसम से परेशान लोगों को भी राहत मिलेगी।

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फिर बदलेगा मौसम का मिजाज

मौसम विभाग ने बताया है कि 24 सितंबर के बाद मौसम एक बार फिर करवट ले सकता है। 24 से 26 सितंबर के बीच राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। हालांकि, यह बारिश बहुत भारी नहीं होगी और इससे किसानों व बागवानों के कामकाज पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा।

मानसून विदाई की कगार पर

IMD के अनुसार, अगले 2-3 दिनों में प्रदेश से दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई के हालात बन रहे हैं। आमतौर पर हिमाचल से मानसून 24 से 25 सितंबर के बीच विदा होता है। इस साल भी लगभग यही समय तय माना जा रहा है। मानसून के विदा होने के साथ ही दिन में धूप खिलने और रात को हल्की ठंड बढ़ने का दौर शुरू हो जाएगा।

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424 मौतें, हजारों घर ध्वस्त

बीते मानसून सीजन ने हिमाचल को गहरे जख्म दिए हैं। 424 लोगों की जान इस बरसात ने ले ली, जिनमें से 80 लोगों की मौत बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हुई। इसके अलावा 45 लोग अब भी लापता हैं, जिनके जीवित बचने की संभावना लगभग खत्म हो चुकी है।

1602 घर पूरी तरह जमींदोज

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, बारिश और आपदाओं से 1602 घर पूरी तरह जमींदोज हो गए जबकि 7025 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। साथ ही 585 दुकानें और 6815 गोशालाएं भी धराशायी हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, करीब 30 हजार मवेशियों की मौत हो चुकी है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गहरा नुकसान पहुंचा है।

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किसानों और बागवानों को राहत

भारी बारिश और आपदाओं के बीच सबसे ज्यादा नुकसान किसानों और बागवानों को झेलना पड़ा। धान और मक्की की फसलें जलभराव और ओलावृष्टि से प्रभावित हुईं, जबकि सेब की बागवानी में परिवहन बाधित होने और फलों के गिरने से करोड़ों का नुकसान हुआ।

 

अब जब तीन दिन तक धूप खिलने की संभावना जताई गई है, तो इससे किसानों और बागवानों को अपने खेतों और बागों में आवश्यक कार्य करने का मौका मिलेगा। धान की कटाई और सेब की अंतिम खेप की पैकिंग के लिए यह धूप बेहद उपयोगी रहेगी।

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खेतों में गीली पड़ी मिट्टी

इसके साथ ही बारिश से गीली पड़ी खेतों की मिट्टी सूख सकेगी, जिससे अगली फसल की तैयारी आसान होगी। बागवानों का मानना है कि धूप मिलने से सेब और अन्य फलों की गुणवत्ता भी बेहतर होगी और बाजार में उन्हें उचित मूल्य मिल पाएगा।

लोगों को राहत की उम्मीद

लगातार आपदाओं के बाद अब मौसम का साफ रहना प्रदेशवासियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। किसानों और बागवानों का कहना है कि मानसून की विदाई के साथ ही अब वे अगली फसल की तैयारी निश्चिंत होकर कर सकेंगे। वहीं स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम स्थिर रहेगा और प्रदेश को बार-बार प्राकृतिक आपदाओं से नहीं जूझना पड़ेगा।

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