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July 4, 2025
हिमाचल में अभी नहीं थमेगी भारी बारिश, अलर्ट पर 6 जिले- जानें ताजा मौसम अपडेट
लाहौल-स्पीति में एक बूंद भी नहीं बरसी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून समय से पहले पहुंचा और उसके साथ ही आफत भी साथ ले आया। 20 जून को मानसून की दस्तक के बाद से ही पूरे प्रदेश में सामान्य से कई गुना अधिक बारिश हो चुकी है।
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, राज्य में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
आज यानी 4 जुलाई को शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में हल्की बारिश के आसार हैं। लेकिन शुक्रवार यानी 5 जुलाई को इन तीनों जिलों में भारी बारिश हो सकती है। वहीं 6 और 7 जुलाई को ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा और मंडी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
मानसून की दस्तक के बाद से प्रदेश में अब तक सामान्य से 55 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। यदि पिछले एक हफ्ते की बात करें तो सामान्य से 171 प्रतिशत ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। सबसे भयावह आंकड़े मंडी जिला से सामने आए हैं, जहां सामान्य से 456 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। ये बारिश का बड़ा हिस्सा सोमवार रात 12 बजे से मंगलवार सुबह 8 बजे के बीच गिरा।
मंडी के बाद शिमला और सोलन जिले भी खतरे की रेखा पार कर चुके हैं। शिमला में सामान्य से 399 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। जहां इस अवधि में सामान्यतः 34.6 मिमी बारिश होती है, वहीं इस बार 172.8 मिमी पानी बरस चुका है। सोलन में भी 280 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है।
जहां अधिकतर जिलों में बारिश रिकॉर्ड तोड़ रही है, वहीं लाहौल-स्पीति जिला में मानसून अभी तक खामोश है। यहां एक बूंद भी बारिश नहीं हुई है। चंबा जिले में सामान्य से सिर्फ 1 फीसदी ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है, जो तुलनात्मक रूप से संतुलित मानी जा सकती है।
सोमवार रात मंडी जिला में 15 अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आईं, जिनमें अब तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 31 लोग अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। भारी बारिश और बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन ने पूरे इलाके को तहस-नहस कर दिया है।
मंडी जिले में 168 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से अधिकतर सराज विधानसभा क्षेत्र में स्थित हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि पूरे प्रदेश में बारिश से जितना नुकसान हुआ है, उसका कई गुना अधिक नुकसान सिर्फ सराज में हुआ है। कई सड़कें टूट चुकी हैं, संपर्क मार्ग बंद हैं और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा है। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनज़र स्कूलों को बंद किया गया है और संवेदनशील इलाकों में मशीनरी तैनात कर दी गई है। एनडीआरएफ की टीमें सक्रिय हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रही है।
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए फिर से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। सभी जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने और संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आम जनता से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें।