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October 16, 2025
हिमाचल में मंत्रियों- विधायकों के बढ़ गए वेतन और भत्ते, CM को 3.40 लाख, MLA को मिलेंगे 2.97 लाख प्रतिमाह
15 सालों में 15 से 85 हजार हो गया MLA का वेतन, अब हर पांच साल बाद बढ़ेगा
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शिमला। हिमाचल प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। प्रदेश की सुक्खू सरकार अपने कर्मचारियों को उनका डीए एरियर तक नहीं दे पा रही है। लेकिन इस सब के बीच हिमाचल के माननीयों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन-भत्तों में बड़ा इजाफा कर दिया है। राज्य विधानसभा द्वारा पारित हिमाचल प्रदेश विधायी सभा (भत्ते एवं पेंशन) संशोधन विधेयक, 2025) को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। इसके बाद इसे राजपत्र में अधिसूचित कर लागू कर दिया गया है।
इस संशोधन के तहत विधायकों की बेसिक सैलरी और भत्तों में करीब 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। अब प्रत्येक विधायक को लगभग 2.97 लाख रुपए प्रति माह वेतन और भत्ते के रूप में मिलेंगे। इससे पहले यह राशि करीब 2.10 लाख रुपए प्रति माह थी।
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संशोधन से पहले विधायकों की मूल वेतन (बेसिक सैलरी) ₹55, 000 प्रति माह थी, जिसे बढ़ाकर अब ₹ 85,000 प्रति माह कर दिया गया है। इसके साथ-साथ यात्रा, कार्यालय और आवास भत्तों में भी बढ़ोतरी की गई है, जिससे कुल मासिक पैकेज में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे पहले विधायकों को प्रतिमाह वेतन और भत्तों को मिलाकर 2.10 लाख रुपए प्रतिमाह मिलते थे, जो अब बढ़ कर 2.97 लाख रुपए मासिक सैलरी-भत्ते मिलेंगे।
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इसी तरह से मुख्यमंत्री का मासिक वेतन और भत्ते पहले ₹2.65 लाख थे, जो अब बढ़कर ₹3.40 लाख से अधिक हो गए हैं। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्रियों के वेतन-भत्ते ₹2.55 लाख से बढ़ाकर लगभग ₹3.30 लाख प्रति माह कर दिए गए हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि अब हिमाचल प्रदेश में माननीयों के वेतन और भत्तों को बढ़ाने के लिए विधेयक पारित करने की जरूरत नहीं होगी। यानी अब हर पांच साल बाद माननीयों के वेतन भत्ते बढ़ जाया करेंगे। यह वृद्धि मूल्य सूचकांक (प्राइस इंडेक्स) के आधार पर तय की जाएगी। यानी अब हर वेतन वृद्धि के लिए विधानसभा में अलग से संशोधन विधेयक लाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। अगली वृद्धि 1 अप्रैल 2030 को स्वतः प्रभावी होगी।
हिमाचल प्रदेश में विधायकों के वेतन-भत्तों में पिछली बार वृद्धि मई 2016 में की गई थी। लगभग नौ वर्ष बाद एक बार फिर माननीयों की आय में बढ़ोतरी हुई है। माननीयों के वेतन में पिछले डेढ़ दशक में तीन गुना की बढ़ोतरी हुई है। साल 2010 में विधायकों की बेसिक सैलरी 15,000 रुपए मासिक थी, जिसे बढ़ाकर 30,000 रुपए किया गया था। उसके बाद 2016 में इसे बढ़ाकर 55 हजार रुपए कर दिया गया और अब 2025 में यह बढ़ कर 85 हजार कर दी गई है। इस प्रकार 15 वर्षों में विधायकों की बेसिक सैलरी में लगभग 470 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
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राज्य सरकार का यह निर्णय ऐसे समय में आया है, जब हिमाचल प्रदेश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और सरकार पर वेतन व पेंशन भुगतान के दबाव बढ़ते जा रहे हैं। विपक्ष ने इस वृद्धि को जनभावनाओं के विपरीत बताया है, जबकि सरकार का तर्क है कि 2016 के बाद पहली बार यह संशोधन किया गया है और यह मुद्रास्फीति के अनुपात में आवश्यक था।