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November 17, 2025
हिमाचल: PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बिजली महादेव रोपवे में जबरदस्त लापरवाही, NGT ने मांगा जवाब
बिजली महादेव रोपवे परियोजना में पर्यावरणीय उल्लंघनों पर एनजीटी हुई सख्त
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट प्रस्तावित 2.4 किलोमीटर लंबी बिजली महादेव रोपवे परियोजना एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। पर्यावरणीय मानदंडों के उल्लंघन के आरोपों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कठोर रुख अपनाते हुए साफ कर दिया है कि परियोजना से जुड़े हर जिम्मेदार पक्ष को क़ानून के अनुसार जवाब देना होगा और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह मामला नचिकेता शर्मा बनाम भारत संघ और बिजली महादेव मंदिर समिति बनाम भारत संघ नामक मूल याचिकाओं से संबंधित है। दोनों मामलों में पर्यावरणीय क्षति के समान मुद्दे होने के कारण ट्रिब्यूनल ने इन्हें एक साथ सुनने का फैसला किया।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि रोपवे के निर्माण कार्य में दी गई पर्यावरणीय मंजूरियों का पालन नहीं किया गया और निर्माण के दौरान जंगलों को भारी नुकसान पहुंचा है। साथ हीए उन्होंने दावा किया कि परियोजना ने संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को खतरे में डाल दिया है। सुनवाई के दौरान यह तथ्य भी सामने लाया गया कि निर्माण कार्य रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट लिमिटेड, उदयपुर के द्वारा किया जा रहा है।
ट्रिब्यूनल ने मौखिक अनुरोध स्वीकार करते हुए कंपनी को मामले में आधिकारिक प्रतिवादी बनाने के निर्देश दिए। अब याचिकाकर्ताओं को संशोधित कारण सूची दाखिल करनी होगी और नई पार्टी को नोटिस तामील कराना होगा।
रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट लिमिटेड को ट्रिब्यूनल में अगली सुनवाई से पूर्व अपना विस्तृत उत्तर दाखिल करना होगा। इस बीच राज्य सरकार, वन विभाग, सीपीसीबी, पर्यावरण मंत्रालय सहित अन्य विभागों के वकील भी सुनवाई में उपस्थित रहे और अपना पक्ष रखा। याचिकाकर्ताओं ने जवाब पुनः दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे ट्रिब्यूनल ने स्वीकार कर लिया। अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बिजली महादेव रोपवे परियोजना पर शुरू से ही विवादों से नाता रहा है। इस परियोजना का सबसे पहले स्थानीय लोगों ने विरोध किया था। यहां तक कि बिजली महादेव के गुरों ने भी यहां रोपवे ना बनाने को कहा था। जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने धरने प्रदर्शन भी किए थे। स्थानीय विरोध इतना बढ़ा कि मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठकों तक पहुंचा। पीएम मोदी ने इस संबंध में एक बैठक कर इस रोपवे परियोजना को लेकर जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है जो इस मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगी।