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December 7, 2025

हिमाचल में अवैध खनन पर सख्ती: अब चालान से नहीं होगा छुटकारा, पुलिस वाहन की करेगी कुर्की

अवैध कब्जों के बाद अब खनन माफिया पर सख्त हुआ हिमाचल हाईकोर्ट

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himachal high court

शिमला/सोलन। हिमाचल प्रदेश में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों पर सख्त कारवाई करने के बाद अब हिमाचल हाईकोर्ट के रडार पर प्रदेश के खनन माफिया आ गए हैं। हिमाचल में अब अवैध खनन करने वालों के सिर्फ वाहन ही जब्त नहीं होंगे, बल्कि उनके वाहनों की अब कानून के तहत कुर्की भी की जाएगी।

 

हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में अवैध खनन सिर्फ रेत पत्थर की लूट नहीं, बल्कि सीधा सीधा कानून और पर्यावरण से खिलवाड़ है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि अब सिर्फ चालान काटकर गाड़ियां नहीं छोड़ी जाएंगी, बल्कि खान अधिनियम के तहत सीधे वाहन कुर्क होंगे और स्टोन क्रशरों की हर महीने कड़ी जांच होगी

सोलन और बद्दी के SP को कोर्ट की फटकार

आमतौर पर पुलिस अवैध खनन करती गाड़ियों को पकड़ती थी और चालान लेकर छोड़ देती थी, जिसपर हाईकोर्ट ने कड़ी आपात्ति जताई है।  मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की बेंच ने एसपी सोलन और एसपी बद्दी को कड़े निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि केवल चालान काटना काफी नहीं है। अब अवैध खनन में पकड़ी गई गाड़ियों की कुर्की  की जाएगी। यानी इन वाहनों को कानून के तहत जब्त किया जाएगा और उन्हें छुड़वाना अब आसान नहीं होगा। उन्हें बहुत ही कड़ी शर्तों पर छोड़ा जाएगा।

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हर महीने होगी चेकिंग

कोर्ट ने अधिकारियों की भी जवाबदेही तय कर दी है अधिकारियों को हर महीने स्टोन क्रशर इकाइयों का निरीक्षण करना होगा। साथ ही प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव को हर 4 महीने में क्रशर परिसर की जांच करनी होगी, ताकि यह देखा जा सके कि प्रदूषण नियमों का पालन हो रहा है या नहीं।

75 लाख वसूले, 30 जेसीबी जब्त

जिस तरह से कोर्ट में आंकड़ोa को पेश किया] उसके अनुसार पता चलता है की प्रशासन ने अवैध खनन पर कार्रवाई शुरू कर दी है। अवैध खनन के निमय तोड़ने वाले 8 स्टोन क्रशरों से 75 लाख का जुर्माना वसूला गया है। साथ ही 31 जुलाई तक अवैध खनन पर 51 FRI दर्ज की गई है। प्रशासन की कार्रवाई के दौरान 30 JCB, 4 टिप्पर, 7 ट्रैक्टर और 2 कारें जब्त की गई हैं।

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एफआईआर, जब्त वाहन और पुलिस की कार्रवाई

बद्दी पुलिस अधीक्षक की ओर से बताया गया कि 31 जुलाई 2025 तक अवैध खनन से जुड़े 51 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 19 मामलों की जांच अभी जारी है, जबकि 32 मामलों का रिकॉर्ड कोर्ट में भेजा जा चुका है। अवैध  खनन में इस्तेमाल होने वाले बड़े पैमाने पर वाहन भी जब्त किए गए, जिनमें  30 जेसीबी मशीनें, 44 टिप्पर, 7 ट्रैक्टर, 2 कारें इस कार्रवाई से साफ होता है कि अवैध खनन का नेटवर्क कितना बड़ा और सक्रिय था।

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किसने उठाई थी आवाज?

यह मामला तब सामने आया जब हंदूर पर्यावरण मित्र संस्था ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर नालागढ़ में अवैध खनन, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और बिना अनुमति चल रहे स्टोन क्रशरों की शिकायत की। याचिका में बताया गया था कि इलाके में न सिर्फ सरकारी जमीन पर कब्जा हो रहा है बल्कि कई क्रशर बिना जरूरी पर्यावरण मंजूरी के धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।

 

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कोर्ट का सख्त संदेश

हाईकोर्ट के इस फैसले से साफ है कि नालागढ़ और बद्दी में अब न सिर्फ क्रशर मालिकों बल्कि अवैध खनन में शामिल माफिया पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है नालागढ़ और बद्दी में अब अवैध खनन करना आसान नहीं होगा। गाड़ियों के जब्त होने का डर और हर महीने होने वाली चेकिंग से खनन माफिया में हड़कंप मच गया है।

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