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June 23, 2025

सीएम सुक्खू ने लिखा PM मोदी को पत्र, इस ऐतिहासिक गलती को सुधारने में मांगा हस्तक्षेप

PM मोदी को पत्र लिख BBMB से मांगी 12 % मुफ्त बिजली

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CM Sukhu Letter PM Modi

शिमला। हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को आत्मनिर्भर और ऊर्जा क्षेत्र में राज्य को उसका हक दिलाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने एक बार फिर केंद्र सरकार के समक्ष सशक्त तरीके से आवाज उठाई है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड बीबीएमबी की सभी जल विद्युत परियोजनाओं से हिमाचल को 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली देने की मांग की है। साथ ही हरियाणा और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को अलग.अलग पत्रों के माध्यम से वर्षों से लंबित बिजली बकाया भुगतान और हिमाचल के अधिकारों को लेकर गंभीर मुद्दे उठाए हैं।

हिमाचल को अब तक क्यों नहीं मिला वाजिब हक

मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि हिमाचल प्रदेश में स्थापित अधिकांश जल विद्युत परियोजनाएं राज्य को मुफ्त बिजली प्रदान कर रही हैं, लेकिन बीबीएमबी परियोजनाएं इस व्यवस्था से बाहर रही हैं। जबकि बीबीएमबी की परियोजनाएं प्रदेश की नदियों और जल संसाधनों का दोहन करके बनी हैं, इसके बावजूद हिमाचल को न तो मुफ्त बिजली मिली और न ही परियोजनाओं में समुचित प्रतिनिधित्व।

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सुक्खू ने लिखा कि इन परियोजनाओं के कारण प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं की नई संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं और इससे राज्य की दीर्घकालिक ऊर्जा नीति प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से ही इस ऐतिहासिक अन्याय को सुधारा जा सकता है और हिमाचल को उसका वैधानिक हक मिल सकता है।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से भी की खास अपील

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी पत्र लिखकर दो प्रमुख मांगें रखी हैं।  उन्होंने नाथपा झाकड़ी पावर प्रोजेक्ट से एक प्रतिशत अतिरिक्त मुफ्त बिजली प्रदान की जाए, जो स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के लिए इस्तेमाल की जा सके। यह मॉडल पहले रामपुर परियोजना में लागू हो चुका है। बीबीएमबी में हिमाचल को पूर्णकालिक सदस्य का प्रतिनिधित्व देने की मांग को फिर दोहराया गया है। सुक्खू ने कहा कि लंबे समय से लगातार अनुरोधों के बावजूद हिमाचल को बोर्ड में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।

 

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हरियाणा से बकाया बिजली पर मांगी लिखित सहमति

मुख्यमंत्री ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि बीबीएमबी से मिलने वाली बिजली के लंबित बकाया को लेकर राज्य सरकार लिखित सहमति दे। उन्होंने बताया कि हरियाणा और पंजाब की ओर से नवंबर 1966 से अक्तूबर 2011 तक कुल 13,066 मिलियन यूनिट बिजली का बकाया हिमाचल को मिलना शेष है। यह बकाया छह प्रतिशत ब्याज सहित 15 वर्षों में 871 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष की दर से लौटाया जा सकता है।

 

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आर्थिकी को सशक्त करने की दिशा में प्रयास

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की यह पहल न केवल हिमाचल के अधिकारों की रक्षा की दिशा में है, बल्कि राज्य की कमजोर होती आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने का भी हिस्सा है। मुफ्त बिजली और लंबित बकाया की प्राप्ति से राज्य को हर साल हजारों करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, जो सामाजिक कल्याण, अधोसंरचना विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।

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साथ ही, राज्य सरकार ग्रीन एनर्जी स्टेट बनने की दिशा में भी लगातार काम कर रही है, जिसमें जल विद्युत, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को गति दी जा रही है। मुख्यमंत्री के इस कूटनीतिक और रणनीतिक कदम को हिमाचल की आर्थिकी को स्थायी रूप से मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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